शाहडोल

अरे ये क्या ? यहां तो 15 लाख से अधिक की मशीन हो रही कबाड़

बदहाल जिला अस्पताल

शाहडोलOct 24, 2017 / 04:28 pm

Shahdol online

There is a lot more than 15 lakh machines being junk

शहडोल. जिला चिकित्सालय के ट्रामा यूनिट में चार महीने पहले बॉॅडी फोटो थेरेपी मशीन लगाई गई थी। 15 लाख से अधिक की कीमत की मशीन अस्पताल में रखी-रखी कबाड़ हो रही है। अभी तक इस मशीन से एक भी मरीज का इलाज नहीं किया गया है। मशीन खरीदे जाने के बाद उम्मीद बंधी थी कि सफेद दाग से पीडि़त मरीजों को उपचार के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
जिला चिकित्सालय के एक कमरे में कैद बॉडी थेरेपी यूनिट डीएमएफ मद से खरीदी गई थी। कीमत 15 लाख से अधिक है। लेकिन सफेद दाग से पीडि़त एक भी मरीज का इससे इलाज नहीं किया गया। जिला चिकित्सालय में 95 मरीज सफेद दाग से पीडि़त पंजीकृत हैं। इस मशीन से सफेद दाग, एटापिक, सोरीयासिस, डर्मेटाइटिस चर्म रोगों का इलाज संभव है। बॉडी फोटो थेरेपी यूनिट को लेकर अस्पताल प्रबंधन
संवेदनशील नहीं है। इस मशीन को चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं है। जबकि तीन दिन के प्रशिक्षण में वो मशीन चलाने में कुशल हो जाएगा। इसके लिए उसे जबलपुर जाना पड़ेगा।
फंड का दुरुपयोग
जिला अस्पताल में इतनी महंगी मशीन खरीदने के बाद एक भी व्यक्ति का इलाज न होना, ये फंड का सरासर दुरुपयोग है। जिला प्रशासन, जिला मिनरल फाउंडेशन और जिला अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता साफ झलकती है। ये केंद्र सरकार की मंशा के अनुरूप भी नहीं हैं। इस फंड का उन लोगों के विकास और कल्याण में लगाया जाना है जो लोग खनन और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से प्रभावित होते हैं। बताया तो ये जा रहा है कि इतना बड़ा फंड जो गरीबों के हित में लगाया जाना चाहिए था वह सिर्फ एक अधिकारी के लाभ के लिए खर्च कर दिया गया।
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स्टेशन में सुविधाओं का अभाव
शहडोल/बुढ़ार – रेल्वे स्टेशन में सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि गत कई माह से रेल यात्रियों के लिए प्लेटफार्म क्रमांक एक व दो में यात्री सुविधाओ का टोंटा है। यात्रियो को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। नगरवासियों ने बताया है कि नगर का रेल्वे स्टेशन कोयलांचल क्षेत्र का सबसे अधिक राजस्व देने वाला स्टेशन है। जहां धनपुरी, अमलाई, राजेन्द्रा कालॅरी एवं आस पास के प्रतिदिन चार से पांच हजार रेल यात्री आवागमन करते है। इसके बावजूद भी रेल प्रबंधन द्वारा यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेल्वे स्टेशन के आसपास पन्नियां एवं डिस्पोजल कचरों का अंबार लगा हुआ है। चाट फुलकी के ठेलों का कचरा भी रेल्वे स्टेशन के सामने फेंक दिया जाता है। जो उड़कर रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म तक पहुंच जाता है। जिससे जगह जगह गंदगी दिखाई देती है।
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