script2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट | there were tickets available for theater before 2200 years ago | Patrika News

2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट

locationजयपुरPublished: Nov 11, 2019 06:43:27 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

आज से दो हजार साल पहले भी थिएटर में प्रवेश करने के लिए आज के जैसे ही टिकट खरीदनी पड़ती थी।

2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट

2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट

तुर्की के लाओडाइकिया में 2200 साल पहले भी थियेटर (रंगमंच) के लिए टिकट लेनी पड़ती थी। डेनिज़ली स्थित एंटीक सिटी के पश्चिमी थिएटर ने यह खुलासा किया कि आज से दो हजार साल पहले भी थिएटर में प्रवेश करने के लिए आज के जैसे ही टिकट खरीदनी पड़ती थी। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय का 15 सालों तक अध्ययन करने वाले पामुक्कले विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सेमल सिमसेक के अनुसार लाओडाइकिया में 5500 ईसा पूर्व से 7वीं शताब्दी तक जीवन निर्बाध रूप से जारी रहा।
2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट
यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल
सिमसेक ने कहा कि इस प्राचीन शहर में उनकी टीम अब भी उत्तर में पवित्र आगोरा (मंदिर) का पता लगाने के लिए खुदाई कर रही हैं। सिमसेक ने बताया कि टीम फिलहाल लाइकोस घाटी और उसके आसपास तक कुछ प्राचीन वास्तुकलाओं को खोजने में कामयाब रही है। शहर की नगरीय वास्तुकला से संबंधित ये बस्तियां घाटी में उजागर अब तक की सबसे प्राचीन पुरातात्विक खोज हैं। गौरतलब है कि लाओडाइकिया को साल 2013 में यूनेस्को ने अपनी विश्व सांस्कृतिक विरासत की अस्थायी सूची में शामिल किया है।
2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट
सीटों पर होते थे चिन्ह
प्रोफेसर डॉ. सेमल सिमसेक ने 2200 साल पुराने वेस्ट थिएटर में खुदाई का काम किया है। उन्होंने बताया कि खुदाई के दौरान उन्हें थियेटर के निचले हिस्सों में 23 और ऊपरी हिस्सों में 20 लोगों के बैठने की जगह मिली है। इतना ही नहीं अपनी-अपनी सीट पहचानने के लिए सीट के आगे अक्षर भी खुदे हुए थे जैसे आज सिनेमाघरों में होता है।
2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट
सामाजिक कार्यक्रम भी होते थे

इस थियेटर में बड़ा हॉल भी था जहां सम्मान समारोह और लेखक-कलाकारों के सत्र आयोजित होते थे। थिएटर की ऐसी आधुनिक व्यवस्था दर्शाती है कि उस समय के लोग बहुत व्यवस्थित और आधुनिक जीवनशैली वाले थे। साथ ही शहर के विशिष्ठ और खास वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों के लिए बैठने की वीआईपी व्यवस्था भी होती थी।
2200 साल पहले भी मिलते थे थिएटर के टिकट
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो