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ये ऐप खाने की बर्बादी रोककर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं

-‘टू गुड टू गो’ ऐप की सेवा से यूरोप के 12 देश जुड़े हैं-25 हजार से अधिक रेस्टोरेंट और स्टोर्स 70 फीसदी तक देते हैं छूट

Sep 21, 2020 / 04:58 pm

pushpesh

ये ऐप खाने की बर्बादी रोककर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं

खाने की बर्बादी रोककर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं

जयपुर. टू गुड टू गो ऐसा ऐप है, जो रेस्टॉरेंट में प्रयोग से बचे खाने को सस्ते दाम पर ग्राहकों तक पहुंचाकर खाने की बर्बादी को रोकता है। लॉन्च होने के बाद ऐप ने दो करोड़ लोगों तक सस्ता सस्ता और सुलभ भोजन उपलब्ध करवाया है। डेनमार्क का ये मोबाइल ऐप उपभोक्ताओं को उन रेस्त्रां से और स्टोर्स से जोड़ता है, जो आमतौर पर बड़ी छूट पर खाना बेचना चाहते हैं।
ऐप के माध्यम से उपभोक्ता रियायती दर पर ऑर्डर करते हैं और रेस्टोरेंट के निर्धारित समापन समय से पहले ले पाते हैं। 25 हजार से अधिक स्टोर्स ऐप से जुड़े हैं, जो 70 फीसदी से अधिक छूट पर खाना देते हैं। ये सेवा ब्रिटेन सहित यूरोप के 12 देशों में संचालित है। रेस्टोरेंट दिन की समाप्ति पर फेंक दिए जाने वाले खाने को बेचकर पैसा कमा रहे हैं तो ग्राहकों को सस्ता खाना मिल पा रहा है। अब इस ऐप का उपयोग किराने का सामान खरीदने के लिए किया जाने लगा है। इसके अलावा फीडी, फूड काउबॉय, ओलियो, कर्म, नो वेस्ट, फूड रेस्क्यू यूएस, गुडआर, इंपैक्ट विजन, फुड फुली आदि एप भी यही काम कर रहे हैं।
भारत में ‘नो फूड वेस्ट’ ने रोकी बर्बादी
भारत में खाने की बर्बादी रोकने के लिए ‘नो फूड वेस्ट’ ऐप है। फर्क ये है कि यह ऐप भोजन को निर्दिष्ट स्थान से एकत्रित कर जरूरतमंदों तक पहुंचाता है। ये ऐप दिल्ली सहित एनसीआर के 80 स्थानों पर सक्रिय है। अब तक ऐप के जरिए 165 टन भोजन को बर्बाद होने से बचाकर पांच लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा चुका है।

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