ऐप के माध्यम से उपभोक्ता रियायती दर पर ऑर्डर करते हैं और रेस्टोरेंट के निर्धारित समापन समय से पहले ले पाते हैं। 25 हजार से अधिक स्टोर्स ऐप से जुड़े हैं, जो 70 फीसदी से अधिक छूट पर खाना देते हैं। ये सेवा ब्रिटेन सहित यूरोप के 12 देशों में संचालित है। रेस्टोरेंट दिन की समाप्ति पर फेंक दिए जाने वाले खाने को बेचकर पैसा कमा रहे हैं तो ग्राहकों को सस्ता खाना मिल पा रहा है। अब इस ऐप का उपयोग किराने का सामान खरीदने के लिए किया जाने लगा है। इसके अलावा फीडी, फूड काउबॉय, ओलियो, कर्म, नो वेस्ट, फूड रेस्क्यू यूएस, गुडआर, इंपैक्ट विजन, फुड फुली आदि एप भी यही काम कर रहे हैं।
भारत में ‘नो फूड वेस्ट’ ने रोकी बर्बादी
भारत में खाने की बर्बादी रोकने के लिए ‘नो फूड वेस्ट’ ऐप है। फर्क ये है कि यह ऐप भोजन को निर्दिष्ट स्थान से एकत्रित कर जरूरतमंदों तक पहुंचाता है। ये ऐप दिल्ली सहित एनसीआर के 80 स्थानों पर सक्रिय है। अब तक ऐप के जरिए 165 टन भोजन को बर्बाद होने से बचाकर पांच लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा चुका है।