आदित्य सिद्धपूर के निवासी है लेकिन उनका पालन-पोषण हुबली में हुआ है और यहीं से उसने रक्तदान की शुरूआत क ी थी। उसका कहना है कि जब से उसे इस बारे में पता चला कि वो यूनिवर्सल डोनर है तब से उसने गैर-सरकारी संस्थाओं में रक्तदान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया। वो ब्लड बैंक से जुड़कर नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने लगा। अपने देशवासियों के अलावा वो अब तक विदेशियों को भी रक्तदान कर चुके हैं। अपने इस कार्य के चलते आदित्य अब तक कई लोगों की जान बचा चुके हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्यों ओ नेगेटिव को रेयर ब्लड ग्रुप माना जाता है तो वो इसलिए क्योंकि ओ नेगेटिव के लाल रक्त कणिकाओं में एच एंटीजन की मात्रा कम होती है और इसके साथ ही ए और बी एंटीजन भी नहीं पाए जाते हैं। एंटीजन का संबंध हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता से होती है।