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बेहिसाब लोगों की जान बचा चुका है ये शख्स, फिर सामने आई ये सच्चाई तो उड़ गए होश

आदित्य सिद्धपूर के निवासी है लेकिन उनका पालन-पोषण हुबली में हुआ है

Jan 12, 2018 / 01:57 pm

Ravi Gupta

नई दिल्ली। एक ऐसा ब्लड ग्रुप जो कि काफी रेयर है और 17,000 लोगों में से किसी एक में पाया जाता है और तो और एक शख्स ने बिना अपना ब्लड गु्रप जानें ही सालों तक डोनर बना रहा लेकिन उसे इसकी भनक तक नहीं लगी। जी,हां ये शख्स है बैंगलोर का जिनका नाम है आदित्य हेगड़े जो कि नियमित रूप से रक्तदान कर चुके है और अब तक लगभग 55 बार डोनर बन चुके हैं। ये ब्लडगु्रप काफी दुर्लभ माना है और इसे ओ नेगेटिव या बॉम्बे ब्लड ग्रुप भी कहा जाता है। इसमें खास बात ये है कि ऐसे लोग यूनिवर्सल डोनर होते हैं यानि कि ये अपना खून किसी को भी दे सकते हैं लेकिन जरूरत पडऩे पर ये किसी और ब्लड ग्रुप का खून नहीं ले सकते है इसके लिए ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप की ही जरूरत पड़ती है। वैज्ञानिकों का ये कहना है कि इस प्रकार का ब्लड गु्रप पूरी दुनिया क ी आबादी के 0.0004 प्रतिशत लोगों में ही पाया जाता है। आदित्य से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि साल 2003 में उसे अपने इस यूनिक ब्लड ग्रुप का पता चला।
आदित्य सिद्धपूर के निवासी है लेकिन उनका पालन-पोषण हुबली में हुआ है और यहीं से उसने रक्तदान की शुरूआत क ी थी। उसका कहना है कि जब से उसे इस बारे में पता चला कि वो यूनिवर्सल डोनर है तब से उसने गैर-सरकारी संस्थाओं में रक्तदान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया। वो ब्लड बैंक से जुड़कर नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने लगा। अपने देशवासियों के अलावा वो अब तक विदेशियों को भी रक्तदान कर चुके हैं। अपने इस कार्य के चलते आदित्य अब तक कई लोगों की जान बचा चुके हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्यों ओ नेगेटिव को रेयर ब्लड ग्रुप माना जाता है तो वो इसलिए क्योंकि ओ नेगेटिव के लाल रक्त कणिकाओं में एच एंटीजन की मात्रा कम होती है और इसके साथ ही ए और बी एंटीजन भी नहीं पाए जाते हैं। एंटीजन का संबंध हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता से होती है।

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