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#ME TOO CAMPAIGN: दो साल बाद भी रोज 100 से ज्यादा कॉल आते इनके पास

locationजयपुरPublished: Oct 29, 2019 06:58:58 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

दो साल पहले हॉलीवुड निर्माता हार्वे विंस्टीन के साथ शुरू हुआ ‘मीटू अभियान’

#ME TOO CAMPAIGN: दो साल बाद भी रोज 100 से ज्यादा कॉल आते इनके पास

#ME TOO CAMPAIGN: दो साल बाद भी रोज 100 से ज्यादा कॉल आते इनके पास

अमरीका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनावों की सरगर्मी बहुत तेज है। सभी उम्मीदवार जनसंपर्क, मीटिंग्स, भाषण और कैम्पेन में व्यस्त हैं। लेकिन तमाम ताम-झाम के बीच जो एक मुद्दा हर जनसभा में मंच से गायब है वह है दो साल पहले हॉलीवुड निर्माता हार्वे विंस्टीन के साथ शुरू हुआ ‘मीटू अभियान’। अमरीका से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैल जाने वाला यह अभियान अब कुंद पड़ गया है। लेकिन अमरीका के वाशिंगटन में अब भी अन्ना ब्लैक इस मशाल को थामे हुए हैं। उनके पास अब भी ऑफिस के हॉटलाइन नंबर पर प्रतिदिन करीब 100 से ज्यादा फोनकॉल उनके साथ हुए शोषण के बारे में बताने के लिए आते हैं। इस संस्था की शुरुआत मीटू कैम्पेन के स्याह दिनों में हॉलीवुड अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, सेलेना गोमेज़ और शोंडा राईम्स ने की थी। यहां कार्यस्थल पर शोषण का शिकार हुई हर महिला की आवाज को सुना जाता है। ऑफिस आम ऑफिस की तरह न होकर किसी कन्फैशनल कमरे जैसा लगता है। सेंटर पर कैलिफोर्निया, टेक्सास, मिसिसिपी, फिलाडेल्फिया समेत पूरे अमरीका से महिलाओं की शिकायतें आती हैं। अन्ना का कहना है कि कैम्पेन के शुरू होने से पहले और दो साल बाद भी स्थिति बदली नहीं है।
#ME TOO CAMPAIGN: दो साल बाद भी रोज 100 से ज्यादा कॉल आते इनके पास
सीधे कार्रवाई करती है संस्था
यह संस्था केवल महिलाओं की शिकायतें ही नहीं सुनती बल्कि हॉटलाइन पर बात करने वाली हर महिला की शिकायत के आधार पर संस्था का वकील आरोपी व्यक्ति पर मुकद्दमा कर कड़ी कार्रवाई करता है। संस्था से जुड़ी शैरिन तेजानी का कहना है कि हम हर महिला की शिकायत को पूरे मनोयाग से सुनकर कार्रवाई कर रहे हैं ताकि आरोपी बच न सकें। ऐसे ही राष्ट्रीय महिला विधि केंद्र की कार्यकारी निदेशक फातिमा गोस ग्रेव्स ने कहा कि हमने हाई-प्रोफाइल और सोशल पर्सनैलिटीज की बजाय छोटे स्तर पर काम करने वाली वेतनभोगी महिला कर्मचारियों पर ध्यान केन्द्रित किया क्योंकि हॉलीवुड और राजनीति के गलियारों की रोशनी में किसी का इन पर ध्यान ही नहीं जा रहा था जो सबसे ज्यादा शोषित थीं। इनमें बस ड्राइवर, फॉर्म वर्कर, आया, नौकरानी और मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स जैसी महिला कर्मचारी शामिल थीं। जबकि आंदोलन के चरम पर सबसे ज्यादा ध्यान धनी, हाईप्रोफाइल और व्हाइट अमरीकन महिलाओं पर ही था।
#ME TOO CAMPAIGN: दो साल बाद भी रोज 100 से ज्यादा कॉल आते इनके पास
हॉलीवुड ने की पहल
कार्यस्थल पर महिला शोषण से आहत हॉलीवुड भी कुछ ऐसा ही चाहता था। इस संस्था को शुरू करने के लिए हॉलीवुड अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, सेलेना गोमेज़ और शोंडा राईम्स जैसी सेलिब्रिटीज ने गो फंड मी के जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपए के साथ ‘टाइम्स-अप लीगल डिफेंस फंड’ की शुरुआत की। जनवरी 2018 में इसकी शुरुआत के बाद संस्था ने अब तक ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है। संस्था के साथ देशभर से करीब 700 वकीलों का नेटवर्क जुड़ा हुआ है जो इस प्रकार के मामलों के विशेषज्ञ हैं। तेजानी का कहना है कि रोज इतनी शिकायतें आ रही हैं कि हमें और अधिक वकीलों की जरूरत है। जो शिकायतें उन्हें ईमेल से मिलती हैं वे उन्हें अपने वकीलों को भेज देती हैं। ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि वे कभी आगे आकर अपने साथ हुए शोषण के बारे में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं अगर हॉलीवुड की पीडि़त महिलाओं ने अपने साथ हुए दुव्र्यवहार का खुलासा न किया होता। तेजानी ने बताया कि ये वे महिलाए हैं जो शिकायत करने के बाद बेरोजगार हो गई हैं क्योंकि जहां भी वे नौकरी मांगने जाती हैं मीटू की रिपोर्ट उनका पीछा करती रहती है, खासकर रेस्टोरेंट्स और होटल इंडस्ट्री में।
मेरिल स्ट्रीप
सेलेना गोमेज़
शोंडा राईम्स

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