सीधे कार्रवाई करती है संस्था
यह संस्था केवल महिलाओं की शिकायतें ही नहीं सुनती बल्कि हॉटलाइन पर बात करने वाली हर महिला की शिकायत के आधार पर संस्था का वकील आरोपी व्यक्ति पर मुकद्दमा कर कड़ी कार्रवाई करता है। संस्था से जुड़ी शैरिन तेजानी का कहना है कि हम हर महिला की शिकायत को पूरे मनोयाग से सुनकर कार्रवाई कर रहे हैं ताकि आरोपी बच न सकें। ऐसे ही राष्ट्रीय महिला विधि केंद्र की कार्यकारी निदेशक फातिमा गोस ग्रेव्स ने कहा कि हमने हाई-प्रोफाइल और सोशल पर्सनैलिटीज की बजाय छोटे स्तर पर काम करने वाली वेतनभोगी महिला कर्मचारियों पर ध्यान केन्द्रित किया क्योंकि हॉलीवुड और राजनीति के गलियारों की रोशनी में किसी का इन पर ध्यान ही नहीं जा रहा था जो सबसे ज्यादा शोषित थीं। इनमें बस ड्राइवर, फॉर्म वर्कर, आया, नौकरानी और मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स जैसी महिला कर्मचारी शामिल थीं। जबकि आंदोलन के चरम पर सबसे ज्यादा ध्यान धनी, हाईप्रोफाइल और व्हाइट अमरीकन महिलाओं पर ही था।
यह संस्था केवल महिलाओं की शिकायतें ही नहीं सुनती बल्कि हॉटलाइन पर बात करने वाली हर महिला की शिकायत के आधार पर संस्था का वकील आरोपी व्यक्ति पर मुकद्दमा कर कड़ी कार्रवाई करता है। संस्था से जुड़ी शैरिन तेजानी का कहना है कि हम हर महिला की शिकायत को पूरे मनोयाग से सुनकर कार्रवाई कर रहे हैं ताकि आरोपी बच न सकें। ऐसे ही राष्ट्रीय महिला विधि केंद्र की कार्यकारी निदेशक फातिमा गोस ग्रेव्स ने कहा कि हमने हाई-प्रोफाइल और सोशल पर्सनैलिटीज की बजाय छोटे स्तर पर काम करने वाली वेतनभोगी महिला कर्मचारियों पर ध्यान केन्द्रित किया क्योंकि हॉलीवुड और राजनीति के गलियारों की रोशनी में किसी का इन पर ध्यान ही नहीं जा रहा था जो सबसे ज्यादा शोषित थीं। इनमें बस ड्राइवर, फॉर्म वर्कर, आया, नौकरानी और मरीजों की देखभाल करने वाली नर्स जैसी महिला कर्मचारी शामिल थीं। जबकि आंदोलन के चरम पर सबसे ज्यादा ध्यान धनी, हाईप्रोफाइल और व्हाइट अमरीकन महिलाओं पर ही था।
हॉलीवुड ने की पहल
कार्यस्थल पर महिला शोषण से आहत हॉलीवुड भी कुछ ऐसा ही चाहता था। इस संस्था को शुरू करने के लिए हॉलीवुड अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, सेलेना गोमेज़ और शोंडा राईम्स जैसी सेलिब्रिटीज ने गो फंड मी के जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपए के साथ ‘टाइम्स-अप लीगल डिफेंस फंड’ की शुरुआत की। जनवरी 2018 में इसकी शुरुआत के बाद संस्था ने अब तक ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है। संस्था के साथ देशभर से करीब 700 वकीलों का नेटवर्क जुड़ा हुआ है जो इस प्रकार के मामलों के विशेषज्ञ हैं। तेजानी का कहना है कि रोज इतनी शिकायतें आ रही हैं कि हमें और अधिक वकीलों की जरूरत है। जो शिकायतें उन्हें ईमेल से मिलती हैं वे उन्हें अपने वकीलों को भेज देती हैं। ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि वे कभी आगे आकर अपने साथ हुए शोषण के बारे में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं अगर हॉलीवुड की पीडि़त महिलाओं ने अपने साथ हुए दुव्र्यवहार का खुलासा न किया होता। तेजानी ने बताया कि ये वे महिलाए हैं जो शिकायत करने के बाद बेरोजगार हो गई हैं क्योंकि जहां भी वे नौकरी मांगने जाती हैं मीटू की रिपोर्ट उनका पीछा करती रहती है, खासकर रेस्टोरेंट्स और होटल इंडस्ट्री में।
कार्यस्थल पर महिला शोषण से आहत हॉलीवुड भी कुछ ऐसा ही चाहता था। इस संस्था को शुरू करने के लिए हॉलीवुड अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, सेलेना गोमेज़ और शोंडा राईम्स जैसी सेलिब्रिटीज ने गो फंड मी के जरिए करीब 2.5 करोड़ रुपए के साथ ‘टाइम्स-अप लीगल डिफेंस फंड’ की शुरुआत की। जनवरी 2018 में इसकी शुरुआत के बाद संस्था ने अब तक ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों में कार्रवाई की है। संस्था के साथ देशभर से करीब 700 वकीलों का नेटवर्क जुड़ा हुआ है जो इस प्रकार के मामलों के विशेषज्ञ हैं। तेजानी का कहना है कि रोज इतनी शिकायतें आ रही हैं कि हमें और अधिक वकीलों की जरूरत है। जो शिकायतें उन्हें ईमेल से मिलती हैं वे उन्हें अपने वकीलों को भेज देती हैं। ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि वे कभी आगे आकर अपने साथ हुए शोषण के बारे में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं अगर हॉलीवुड की पीडि़त महिलाओं ने अपने साथ हुए दुव्र्यवहार का खुलासा न किया होता। तेजानी ने बताया कि ये वे महिलाए हैं जो शिकायत करने के बाद बेरोजगार हो गई हैं क्योंकि जहां भी वे नौकरी मांगने जाती हैं मीटू की रिपोर्ट उनका पीछा करती रहती है, खासकर रेस्टोरेंट्स और होटल इंडस्ट्री में।