पर्यावरण के लिए लिली की चिंता उस वक्त बढ़ी, जब उन्होंने 4 वर्ष पहले एक समुद्र तट पर प्लास्टिक कचरा देखा। हालांकि मासूम बच्ची के सामने शुरू में काफी कठिनाइयां आई, जब वह किसी नेता या अधिकारियों को यह पीड़ा समझाती थीं। मीडिया लिली को थाइलैंड की ग्रेटा की संज्ञा दे रहा है। 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन पर दुनिया का ध्यान दिलाने वाला चेहरा बन गई हैं।
लिली कहती है, लोग बिना सोचे समझे प्लास्टिक के बैग, कैन, बोतलें फेंक देते हैं, जो समुद्री जीवों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, मैं आशावादी नजरिया रखती हूं, लेकिन मैं काफी गुस्से में हूं, क्योंकि ऐसे तो दुनिया खत्म हो जाएगी।
थाइलैंड दुनिया का छठा सबसे बड़ा समुद्री प्रदूषण फैलाने वाला देश है, जहां प्लास्टिक एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। थाइलैंड में हर व्यक्ति औसतन 3 हजार सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करता है, जो यूरोपीय संघ के देशों की तुलना में 12 गुना अधिक है।