द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अल्बर्ट आइंस्टीन और जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु बम का निर्माण किया था। लेकिन इसके दुुरुपयोग और गंभीर दुष्प्रभाव को देखने के बाद दोनों को वर्षों अपने आविष्कार पर पछतावा रहा।
वर्ष 1888 में गलती से एक अखबार ने डाइनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबल की मौत की खबर छाप दी। लिखा, मौत के सौदागर की मृत्यु। इससे उन्हें गहरा आघात लगा। बाद में इन्होंने शांति के लिए नोबेल पुरस्कार शुरू किया।
सोवियत इंजीनियर मिखाइल कलाश्निकोव ने दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ए-के 47 ऑटोमेटिक राइफल बनाई थी। मिखाइल को ए-के 47 से होने वाली मौतों ने काफी दुखी किया और वे इसके लिए खुद को जिम्मेदार मानते रहे।
हवाई जहाज की खोज करने वाले राइट ब्रदर्स ऑरविल और विल्बर ने वर्ष 1890 में अमेरिकी सेना को विमान बेचे, लेकिन पहले विश्व युद्ध में इनसे जो विध्वंस हुआ, उसे देख कर ऑरविल राइट काफी विचलित हो गए थे।
कैमरन लोगमान ने पेपर स्प्रे को हथियार के रूप में बदला। इसके लिए उन्होंने एक गाइड भी लिखी कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जाना है? बाद के वर्षों में विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल होने पर वे दुखी हुए।