बढिय़ा है मेलो... बाड़मेर के तिलवाड़ा स्थित पशु मेले में फोन पर परिवार से बात करता पशु पालक। फोटो-ओम माली
घुड़सवारी का आनंद... बाड़मेर के तिलवाड़ा मेला परवान पर चढ़ा हुआ है। मेले में घुड़सवारी का आनंद लेते हुए। फोटो-ओम माली
मेले में घुड़सवारी का आनंद लेते हुए। फोटो-ओम माली
मेले में सजा हाट बाजार
खेती में काम आने वाले पुरातन औजारों को यहां लाया जाता है। इन औजारों के अलावा लोहे के बर्तन भी बहुतायत में पहुंचते है। इनकी खरीद के लिए ग्रामीण मेले पहुंचते है और खेती किसानी के इस सामान बिक्री जोरों पर रहती है।
घोड़ों को देखने की ललक बढ़ रही है
मालाणी, मारवाड़ी, काठियावाड़ी और अन्य नस्ल के घोड़ों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है।
चणे मखाणों का प्रसाद तिलवाड़ा पशुमेले में रावल मल्लीनाथ का प्रसाद भूने हुए चणे औ मखाणे है। पशुपालक ही नहीं मेले में आने वाले लोग इस प्रसाद को ले जाते है। मेले में सैकड़ों क्विंटल चणे मखाणों की बिक्री होती है।