निवेश हासिल करने के लिए ये करें रुझान पर जोर
बिजनेस के उसी क्षेत्र में काम करना चाहिए, जिसे लेकर बाजार में मौजूदा रुझान है, क्योंकि कम समय में लाभ की स्थिति तक पहुंचने की ज्यादा संभावनाएं उन्हीं बिजनेसों में होती है जिसकी मांग वर्तमान दौर में हो। लेकिन सिर्फ मांग और रुझान को देखकर ही कोई बिजनेस नहीं शुरू करना चाहिए, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि जिस क्षेत्र में आप अपनी कंपनी खड़ी करने की सोच रहे हैं, उसमें प्रतिस्पद्र्धा कितनी है और आपके पास उन पुरानी कंपनियों से मुकाबला करने के लिए पूंजी और संसाधन कितने हैं। स्थानीय बाजार की प्रतिस्पद्र्धाओं तो विशेष नजर रखनी चाहिए।
बिजनेस के उसी क्षेत्र में काम करना चाहिए, जिसे लेकर बाजार में मौजूदा रुझान है, क्योंकि कम समय में लाभ की स्थिति तक पहुंचने की ज्यादा संभावनाएं उन्हीं बिजनेसों में होती है जिसकी मांग वर्तमान दौर में हो। लेकिन सिर्फ मांग और रुझान को देखकर ही कोई बिजनेस नहीं शुरू करना चाहिए, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि जिस क्षेत्र में आप अपनी कंपनी खड़ी करने की सोच रहे हैं, उसमें प्रतिस्पद्र्धा कितनी है और आपके पास उन पुरानी कंपनियों से मुकाबला करने के लिए पूंजी और संसाधन कितने हैं। स्थानीय बाजार की प्रतिस्पद्र्धाओं तो विशेष नजर रखनी चाहिए।
बाजार की पहचान
फार्चून की रिपोर्ट के अनुसार, 90% असफल होते हैं, क्योंकि वो इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि उनके उत्पादों की मांग बाजार में है या नहीं, जबकि 42% उद्यमियों को यह तक पता नहीं होता कि जिन उत्पादों को वह बना रहे हैं, उसकी मांग कहां के बाजार में है। क्या स्थानीय बाजार में भी उसकी मांग है। जबकि एक उद्यमी के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप जिस सेवा या उत्पाद पर काम करने जा रहे हैं, उसे लेकर मौजूदा बाजार का आकार, खपत, मांग और उसके कारोबारी तरीके का पता उसे हो। इससे उसे यह मालूम हो जाएगा कि उस सेवा या उत्पाद की मांग बाजार में है या नहीं। मांग वाली सेवा या उत्पादों की पहचान कर नई तकनीक के जरिए उसे बाजार के अनुरूप अगर आप लांच करेंगे, तभी बिजनेस सफल होगा और निवेशक आपके बिजनेस में दिलचस्पी लेंगे।
फार्चून की रिपोर्ट के अनुसार, 90% असफल होते हैं, क्योंकि वो इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि उनके उत्पादों की मांग बाजार में है या नहीं, जबकि 42% उद्यमियों को यह तक पता नहीं होता कि जिन उत्पादों को वह बना रहे हैं, उसकी मांग कहां के बाजार में है। क्या स्थानीय बाजार में भी उसकी मांग है। जबकि एक उद्यमी के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप जिस सेवा या उत्पाद पर काम करने जा रहे हैं, उसे लेकर मौजूदा बाजार का आकार, खपत, मांग और उसके कारोबारी तरीके का पता उसे हो। इससे उसे यह मालूम हो जाएगा कि उस सेवा या उत्पाद की मांग बाजार में है या नहीं। मांग वाली सेवा या उत्पादों की पहचान कर नई तकनीक के जरिए उसे बाजार के अनुरूप अगर आप लांच करेंगे, तभी बिजनेस सफल होगा और निवेशक आपके बिजनेस में दिलचस्पी लेंगे।
कारगर बिजनेस मॉडल और रणनीति
बाजार में हर साल हजारों कंपनियां शुरू होती हैं। इससे प्रतिस्पद्र्धा का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए काम शुरू करने से पहले प्रभावी कारोबारी रणनीति और कार्ययोजना, कर्मचारियों की भर्ती और कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रभावी रूपरेखा तैयार कर लेनी चाहिए। कोई भी उद्यम तभी सफल होता है, जब उसके पास अपने बिजनेस के लिए एक कारगर प्लान हो और इसे लागू करने के लिए उसके पास सशक्त टीम हो। कंपनी का सीईओ टीम को खुद लीड करे, मिडल मैनेजमेंट उत्पाद की मार्केटिंग करे और लोअर मैनेजमेंट सभी तरह की प्रक्रियाओं की कोडिंग व प्लान को सही तरीके से लागू करने में सक्षम हो। अधिकतर स्टार्टअप में इन तीनों पैमाने पर खरे नहीं उतरते हैं।
बाजार में हर साल हजारों कंपनियां शुरू होती हैं। इससे प्रतिस्पद्र्धा का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसलिए काम शुरू करने से पहले प्रभावी कारोबारी रणनीति और कार्ययोजना, कर्मचारियों की भर्ती और कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रभावी रूपरेखा तैयार कर लेनी चाहिए। कोई भी उद्यम तभी सफल होता है, जब उसके पास अपने बिजनेस के लिए एक कारगर प्लान हो और इसे लागू करने के लिए उसके पास सशक्त टीम हो। कंपनी का सीईओ टीम को खुद लीड करे, मिडल मैनेजमेंट उत्पाद की मार्केटिंग करे और लोअर मैनेजमेंट सभी तरह की प्रक्रियाओं की कोडिंग व प्लान को सही तरीके से लागू करने में सक्षम हो। अधिकतर स्टार्टअप में इन तीनों पैमाने पर खरे नहीं उतरते हैं।
रिटन्र्स का रखें ध्यान
हर व्यवसाय में निवेश के बदले रिटन्र्स जरूरी होता है। इसके बिना कोई कारोबार एक दिन भी टिका नहीं रह सकता। स्टार्टअप उद्यमियों को शुरुआत के 12 महीनों में लाभ की स्थिति तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ इंडस्ट्री में एंट्री लेवल पर ज्यादा निवेश, लो प्रॉफिट मार्जिन व अन्य कारणों से लंबा समय लग जाता है। निवेशक इस बात को जानते हैं कि 75त्न स्टार्टअप वेंचर फंडिंग हासिल करने के बाद भी विफल हो जाते हैं। इसलिए निवेश करने से पहले वह यह जरूर देखते हैं कि कंपनी का रिटन्र्स क्या है।
अगर इन बातों को ध्यान में रखकर कोई कारोबार शुरू किया जाए तो निश्चित रूप से कारोबार सफल होगा और निवेशक उसमें रुचि दिखाएंगे।
हर व्यवसाय में निवेश के बदले रिटन्र्स जरूरी होता है। इसके बिना कोई कारोबार एक दिन भी टिका नहीं रह सकता। स्टार्टअप उद्यमियों को शुरुआत के 12 महीनों में लाभ की स्थिति तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ इंडस्ट्री में एंट्री लेवल पर ज्यादा निवेश, लो प्रॉफिट मार्जिन व अन्य कारणों से लंबा समय लग जाता है। निवेशक इस बात को जानते हैं कि 75त्न स्टार्टअप वेंचर फंडिंग हासिल करने के बाद भी विफल हो जाते हैं। इसलिए निवेश करने से पहले वह यह जरूर देखते हैं कि कंपनी का रिटन्र्स क्या है।
अगर इन बातों को ध्यान में रखकर कोई कारोबार शुरू किया जाए तो निश्चित रूप से कारोबार सफल होगा और निवेशक उसमें रुचि दिखाएंगे।