चैंपियंस ट्रॉफी जीत धोनी ने आज ही के दिन बनाया था रिकॉर्ड
Published: Jun 23, 2015 08:45:00 am
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के नाम यूं तो कई रिकॉर्ड है।…
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के नाम यूं तो कई रिकॉर्ड है। लेकिन आज से ठीक 2 साल पहले उन्होंने एक खिताब जीतकर अपना और भारतीय टीम का नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया। 23 जून 2013 को धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने आईसीसी चैंपियस ट्रॉफी जीती थी। इस जीत के साथ ही धोनी आईसीसी के सभी टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान बने थे।
इससे पहले धोनी की टीम ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में क्रिकेट विश्व कप जीता था। इनके साथ ही धोनी टीम इंडिया को टेस्ट और वनडे में नंबर एक का तमगा भी दिला चुके हैं।
लेकिन जो चीज आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की जीत को और यादगार बनाता है वो है युवा खिलाडियों का सभी को अचंभित कर देने वाला प्रदर्शन। इस टूर्नामेंट से पहले भारत लगातार 8 टेस्ट हार चुका था और 28 साल बाद अपनी घरेलू परिस्थितियों में भी इंग्लैण्ड ने उसे शिकस्त दे दी। यहीं नहीं जिस देश में ये टूर्नामेंअ आयोजित हुआ यानि इंग्लैण्ड में भारतीय टीम को 2011 के दौरे पर एक भी जीत नसीब नहीं हुई थी। किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत ये प्रतियोगिता जीत सकता है। भारत ने न केवल ये प्रतियोगिता जीती बल्कि फाइनल में उसने इंग्लैण्ड को ही हराया।
भारत ने इस टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं गंवाया। उसने पहले दोनों अभ्यास मैचों में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका को परास्त किया। टीम इंडिया पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्री को हराकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। वहीं वेस्ट इंडीज और पाकिस्तान को पटखनी देकर टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री की। पाकिस्तान को भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी में पहली बार हराया था।
सेमीफाइनल में भारत का सामना पड़ोसी देश श्रीलंका से हुआ। भारतीय गेंदबाजों की कहर बरपाती गेंदों के आगे श्रीलंकाई चीते सस्ते में आउट हो गए और टीम इंडिया ने फाइनल में कदम रखा। फाइनल मुकाबले की नाटकीय शुरूआत हुई। बारिश के चलते एक बार तो लगा कि भारत को एक बार फिर 2002 की तरह संयुक्त विजेता से ही संतोष करना पड़ेगा। लेकिन बारिश रूक गई और ओवरों की संख्या घटाकर 20 कर दी गई।
भारतीस टीम 7 विकेट खोकर केवल 129 रन का स्कोर बना सकी जो इंग्लिश टीम के आसान लग रहा था। भारतीय गेंदबाजों ने टीम की उम्मीदों को बनार रखा और अंग्रेजों को नियमित अंतराल पर झटके देते रहे। लेकिन रवि बोपारा और इयोन मोर्गन ने भारतीय प्रशंसकों की सांसें रोक दी। दोनों इंग्लिश टीम को जीत की ओर ले गए और इंग्लैण्ड को जीत के लिए 25 गेंदों में महज 33 रन चाहिए थे। यहीं पर मैच ने पलटा खाया। ईशात शर्मा ने दो गेंदों में बोपारा और मोर्गन को आउट कर दिया और मैच भारत की झोली में आ गिरा। इसके साथ ही एक नया इतिहास बन गया।
कैप्टन कूल धोनी सभी आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले पहले कप्तान बन गए जबकि भारत ऎसा करने वाली दूसरी टीम बन गई। भारत से पहले ये कारनामा वेस्टइंडीज कर चुकी है। इस प्रतियोगिता के सितारे रहे युवा आक्रामक बल्लेबाज शिखर धवन और ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा। जडेजा ने सर्वाधिक विकेट झटके इसके चलते उन्हें गोल्डन बॉल मिली। जबकि धवन को सर्वाधिक रन बनाने पर गोल्डन बैट मिला।