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शौचालय बने तालाब परिसर, निष्क्रिय हुई समितियां

locationहुबलीPublished: Sep 02, 2023 08:06:49 pm

Submitted by:

S F Munshi

शौचालय बने तालाब परिसर, निष्क्रिय हुई समितियां

शौचालय बने तालाब परिसर, निष्क्रिय हुई समितियां
शौचालय बने तालाब परिसर, निष्क्रिय हुई समितियां
शौचालय बने तालाब परिसर, निष्क्रिय हुई समितियां
-रखरखाव की कमी के कारण सूख रहे हैं तालाब
सैय्यद फैजुद्दीन मुंशी
हुब्बल्ली-बेलगावी
बेलगावी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र विकसित होने के साथ रखरखाव की कमी, अतिक्रमण के कारण तालाब विनाश की कगार पर पहुंच रहे हैं। तालाब संरक्षण के लिए गांव में गठित तालाब विकास एवं प्रबंधन समितियां निष्क्रिय हो गई हैं।
जी हां, ग्रामीणों के तथा मवेशियों के पीने के पानी का प्रमुख स्रोत तालाब अब औद्योगिकरण, अतिक्रमण तथा प्रबंधन की लापरवाही के कारण तालाब लुप्त हो रहे हैं। देखरेख के बिना तालाब शौचालय हो रहे हैं। कुछ इलाकों में सरकारी तालाब अब निजी व्यक्तियों की संपत्ति के रूप में परिवर्तित हुए हैं। इसके चलते हर साल सरकारी तालाबों की संख्या घटती जा रही है।
तालाबों का हो रहा है अतिक्रमण
बेलगावी जिले के 506 ग्राम पंचायतों के क्षेत्र में राजस्व, ग्राम पंचायत, लघु सिंचाई, बृहत सिंचाई तथा वन विभाग क्षेत्र में 988 से अधिक तालाब हैं, परंतु देखरेख नहीं होने के कारण लघु तथा अती लघु तालाब परिसर में कांटों की झाडियां, पत्थर, मिट्टी से भरे हुए हैं। इन तालाबों में शौच के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी ओर कृषि जमीनों तथा रिहायशी इलाकों में स्थित तालाबों का अतिक्रमण किया गया है। कुछ तालाबों को बारिश का पानी बहकर आने वाले मार्ग बंद होने से तालाब सूख गए हैं। कुछ तालाबों में सिवरेज का पानी आकर संग्रह होने से बदबू आरही है।
वर्तमान में बेलगावी जिले में 1.5 से 5 एकड़ क्षेत्र में स्थित 450 से अधिक लघु तथा अती लघु तालाब हैं। इनमें अधिकतर तालाब बारिश के पानी पर निर्भर हैं। कुछ तालाब मात्र नहर तथा नदी के पानी पर निर्भर हैं, परंतु विकास के नाम पर बारिश का पानी बहकर आने वाले मार्गों को बंद करने से तालाबों को पानी नहीं आरहा है। इससे बिना पानी के तालाब बेकार हुए हैं। एसे तालाबों के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत स्तर में सरकार की ओर से गठित तालाब विकास एवं प्रबंधन समितियां कार्य ना कर निष्क्रिय होगई हैं।
सरकार ने वर्ष 2015 से 2020 के बीच की अवधि में तालाबों का संरक्षण कर विकसित करना तथा तालाबों से गाध निकालने के लिए प्रति तालुक को 50 लाख रुपए के तहत करोड़ों रुपए अनुदान जारी किया था। परंतु बाढ तथा अन्य कारणों से तालाबों के विकास कार्य आधे में स्थगित होगए थे। बाद में किसी भी कार्यों को संबंधित विभागों ने जारी नहीं किया, परंतु अनुदान का संपूर्ण उपयोग करलिया है। वर्ष 2019-21 की बीच की अवधि में पंचायत राज विभाग, लघु सिंचाई विभागों ने जल अमृत योजना के तहत 190 तालाबों से गाध निकालने के लिए नई योजना तैयार कर सरकार को सौंपा है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की है।
जिले में 50 से अधिक तालाबों वाले तालुक
-तालुक..............तालाब
बेलगावी 164
बैलहोंगल 242
खानापुर 186
चिक्कोडी 72
सवदत्ती 73
रामदुर्ग 68
रायबाग 67
अथणी 53
...तालाबों से हटाएंगे अतिक्रमण
सरकार ने तालाबों के संरक्षण के लिए जिला स्तर में समितियां गठित की गई हैं। जिले में अतिक्रमण किए गए तालाबों की जानकारी प्राप्त कर आगामी सप्ताह होने वाले तालाबों के विकास बैठक में अतिक्रमण हटाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
-नितेश पाटील, जिलाधिकारी, बेलगावी,
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