गुवाहाटी

भाई के आईएसआईएस में शामिल होने की खबरों के बीच हामरेन के एसपी का तबादला

असम सरकार ने असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी इनाम उल हक मेंगनू को हामरेन के पुलिस अधीक्षक पद से हटा दिया है

गुवाहाटीJun 28, 2018 / 01:20 pm

Shailesh pandey

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(राजीव कुमार की रिपोर्ट)
गुवाहाटी। असम सरकार ने असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी इनाम उल हक मेंगनू को हामरेन के पुलिस अधीक्षक पद से हटा दिया है। फिलहाल मेंगनू अपने भाई के आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने की खबरों के चलते सुर्खियों में थे। उनका भाई शम्स उल हक मेंगनू श्रीनगर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन मेडिकल साइंसेस से यूनानी मेडिसिन का कोर्स कर रहा था। वह पिछले मई माह से सोफियन इलाके से लापता है। बताया जाता है कि वह घर आया था और घरवालों से ट्यूशन की फीस 75 हजार लेकर गया, लेकिन वह फीस जमा करने के बजाय गायब हो गया। इसके बाद से उसका पता नहीं चला है। इसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि वह आतंकी संगठन मेें शामिल हो गया।

 

 

कमांडेंट नियुक्त


परिवार वालों ने पहले तो थाने में मामला दर्ज नहीं कराया, लेकिन आईएसआईएस में शामिल होने की बात सामने आने के बाद थाने में मामला दर्ज कराया। अपने भाई के आईएसआईएस में शामिल होने के कारण विवादों में आए इनाम उल हक मेंगनू को असम सरकार ने हामरेन के पुलिस अधीक्षक पद से हटाकर उत्तर गुवाहाटी के मांदरकाटा स्थित बटालियन का कमांडेंट नियुक्त किया है। यह कम महत्व वाला पद माना जाता है।हालांकि एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने सफाई दी कि मेंगनू का तबादला उसके भाई के साथ जुड़ा हुआ नहीं है। यह रूटीन तबादला है।

 

ईमानदार अधिकारी की छवि

 

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) पल्लब भट्टाचार्य ने कहा कि असम पुलिस से 2012 के आईपीएस अधिकारी मेंगनू के लापता भाई के बारे में किसी ने कोई जानकारी नहीं मांगी थी। उन्होंने कहा कि मेंगनू का भाई पिछले कुछ समय से लापता है और जम्मू-कश्मीर पुलिस उसकी खोज कर रही है। भट्टाचार्य ने कहा कि इनाम उल हक मेंगनू एक ईमानदार अधिकारी हैं। एक डॉक्टर होने के नाते वे हर हफ्ते हामरेन के स्थानीय लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाते हैं।

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