बाड़मेर

यूरिया की किल्लत, भटकने को मजबूर किसान

– सरकारी व निजी स्तर पर नहीं प्रबंध, किसानों को पैदावार प्रभावित होने की चिंता

बाड़मेरJan 05, 2019 / 11:33 pm

Dilip dave

यूरिया की किल्लत, भटकने को मजबूर किसान

 
बालोतरा. अनुकूल मौसम के चलते एक तरफ जहां खेतों में लहलहा रही फसलें देख किसान खुश है तो यूरिया नहीं मिलने से उनकी चिंता अब बढऩे लगी है। समय पर यूरिया नहीं मिलने से पैदावार प्रभावित होने का डर उनके चेहरों पर नजर आ रहा है। एेसे में किसान अब सरकारी व निजी स्तर पर जहां यूरिया मिले, वहीं से लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं। स्थिति यह है कि फसल बढऩे के साथ किसानों की चिंता भी बढ़ रही है।
एक पखवाड़ा से क्षेत्र में अच्छी पड़ी सर्दी से रबी फसल में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इस पर खरपतवार निकालने के बाद किसान फसलों में दूसरी से तीसरी सिंचाई कर रहे हंै। इसके साथ किसान फसल में यूरिया खाद देते हैं। इससे जहां फसल में अच्छी बढ़त होती है, वहीं फसल का दाना पूरा बनता है। इसका रंग, चमक अच्छी आती है। इस पर इन दिनों चहुंओर यूरिया खाद की मांग अधिक है। लेकिन लंबे समय से मार्केटिंग सोसायटी, ग्राम सेवा सहकारी समिति व निजी खाद बीज की दुकानों पर यूरिया नहीं है। किसान यूरिया के लिए दर दर भटक रहे हैं। जहां से इन्हें आजकल में यूरिया खाद उपलब्ध करवाने की बात कहकर घर लौटाया जा रहा है। इससे क्षेत्र भर के किसान परेशान है। यूरिया खाद के लिए चक्कर काटने पर जहां खेती का कार्य प्रभावित होता है। कीमती समय, धन की व्यर्थमें बर्बादी होती है। आने-जाने को लेकर परेशानियां अलग से उठानी पड़ती है। इससे क्षेत्र भर के किसानों में रोष है।
कहीं पर भी यूरिया नहीं उपलब्ध – सरकारी व निजी दुकानों पर कहीं भी यूरिया नहीं है। चक्कर लगाते-लगाते थक हार चुका हूं। यूरिया नहीं मिलने से फसल व पैदावार प्रभावित होगी। इससे बहुत परेशान हूं। सरकार शीघ्र यूूरिया उपलब्ध करवाएं। – मांगीलाल मेघवाल
चक्कर काटने को मजबूर- मार्केटिंग सोसायटी, ग्राम सेवा सहकारी समिति, निजी खाद बीज दुकानों पर यूरिया खाद के लिए कई चक्कर लगा चुका हूं। आजकल में उपलब्ध करवाने की बात कहते हंै, लेकिन करवाते नहीं हैं। इससे फसल प्रभावित हो रही है। – मादाराम चौधरी
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