जानकारी के अनुसार सुबह विद्यालय खुलने के साथ ही छात्राओं ने प्रधानाध्यापक की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया और मुख्य द्वार के ताला लगाकर बाहर धरने पर बैठ गई। छात्राओं का आरोप हैं कि प्रधानाध्यापक अभद्र भाषा बोलते हैं। परिजन विद्यालय में आते हैं तो उनसे भी अभद्र भाषा में बोलते हैं। इससे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण खराब हो रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में नियमानुसार पोषाहार एवं फलों का वितरण भी नहीं किया जाता है। गत तीन वर्ष से छात्राओं को छात्रवृत्ति से भी वंचित होना पड़ रहा है। इस बारे में कई बार प्रधानाध्यापक को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि यदि शीघ्र मामले जांच कर प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो विद्यालय के ताला लगाकर प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान डीईओ ने छात्रा, विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, ग्रामीण एवं प्रधानाध्यापक के भी बयान लिए। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। डीईओ ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
यदि जांच में दोषी पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उधर, प्रधानाध्यापक बलराम मीणा का कहना है कि वे किसी भी छात्रा से अभद्र भाषा में नहीं बोलते हैं। उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उल्लेखनीय है कि राजकीय माध्यमिक बालिका विद्यालय लोटवाड़ा प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के बीच भी कई बार विवाद एवं मारपीट हो जाने से यह विद्यालय चर्चा में बना हुआ है।