नई दिल्ली। आज से 16 साल पहले आज ही के दिन एक ऐसी घटना घटी थी कि जिसने सभी भारतीयों को झकझोर दिया था। हमला था संसद पर। मैं उन दिनों बहुत छोटा था, लगभग 8 साल का। मुझे लगता है कि 8 साल के बच्चे को इतनी समझ नहीं होती कि उसे यह पता हो कि आतंकवादी क्या होते हैं? आतंकवादी हमला क्या होता है? तीसरी क्लास में पढ़ने वाला बच्चा आतंक नाम के शब्द से ही अनजान होता है। उसे अगर डराया जाता है, तो यह कहकर कि ‘ बाहर नहीं जाना, बाबा उठाकर ले जाएंगे’ या फिर ‘बाहर कुत्ता बैठा है वह काट लेगा’ इन्हीं छोटी-छोटी धमकियों से ही बच्चा डर जाता है। उस उम्र में यह पता चलना कि हमारी संसद पर अटैक हुआ है। सच बताऊं तो कुछ समझ नहीं आया था पर इतना पता चल गया था कि बहुत सारे गुंडे आए हैं उन्होंने लोगों पर गोलियां चलाई हैं और वह लोग बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं। मुझे और मेरे जैसे बच्चों को यही डर लग गया था कि यहां भी गोलियां चल सकती हैं। मुझे आज भी याद है कि उस दिन स्कूल की छुट्टी कर दी गई थी। बेशक हम घर आकर खुश हो गए थे लेकिन जब टीवी पर वो गोलियां चलते हुए देखी थी तो डर गया था मैं… आइए आज आपको बताते हैं उस हमले के बारे में जो आज से 16 साल पहले संसद पर हुआ था…
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। सुबह के 11 बजे थे, हर दिन की ही तरह हर चीज सामान्य थी। लेकिन अगले ही कुछ पलों में कुछ अलग होने वाला था। ऐसा जो पूरे भारत को हिलाकर रख देगा। उस दिन एक सफेद एंबेसडर कार में आए इन आतंकवादियों ने 45 मिनट तक संसद जिसे लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है उस पर गोलियां बरसाई थी। लेकिन हमारे सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए इन आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
दरअसल आम दिनों की तरह संसद में सफेद एंबेसेडर आई थी। संसद में सफेद रंग की एंबेसेडर आती है तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता क्योंकि लगता है कि किसी न किसी नेता की कार होगी। लेकिन उस दिन इस सफेद रंग की एंबेसेडर ने पूरे भारत को हिला दिया क्योंकि इस सफेद एंबेसेडर में कोई नेता नहीं बल्कि 5 आतंकवादी आए थे। इन 5 आतंकवादियों ने 45 मिनट तक लोकतंत्र के मंदिर पर गोलियां बरसाई। संसद में अचानक हुई इस गोलाबारी से सभी लोग एक दम हरकत में आ गए। संसद परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कारवाई करते हुए इन आतंकवादियों का बहादुरी से सामना किया और सभी आतंकवादियों को मार गिराया। इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के 2 गार्ड भी शहीद हुए। इस आतंकी हमले में कुल 16 जवान घायल हुए। संसद पर हमला करने वाले आतंकवादियों के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को पकड़ा गया और उसे बाद में फांसी भी दी गई।
Home / Special / संसद पर जब गोलियां चली थी, तो 18 किमी दूर बैठा 8 साल का बच्चा भी डर गया था…