script…तो ये कारण है पतझड़ में पत्तियों के रंग बदलने का | why changing color of the leaves in autumn | Patrika News

…तो ये कारण है पतझड़ में पत्तियों के रंग बदलने का

Published: Aug 01, 2017 01:33:00 pm

Submitted by:

Mazkoor

पतझड़ में पेड़ों से पत्तियां झडऩे लगती हैं। हरी-भरी पत्तियां बेजान पीली या भूरी हो जाती हैं। पर ऐसा पतझड़ के मौसम में ही क्यों होता है? आखिर ऐसा क्या है इस मौसम में आइए जानते हैं।

autumn

dry leaf

पेड़ पत्तियों की मदद से अपना भोजन बनाते हैं। पेड़ों के भोजन बनाने की प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। इस प्रक्रिया में वह अपनी जड़ों से पानी और वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड गैस लेते हैं। सूरज की किरणों की उपस्थिति में वे पानी और कार्बन डाईऑक्साइड को ग्लूकोज तथा ऑक्सीजन में बदल देते हैं। ग्लूकोज को वह भोजन के रूप में लेते हैं। इससे उन्हें शक्ति मिलती है और ऑक्सीजन को वापस वातावरण में छोड़ देते हैं, जिसे हम सांस के रूप में लेते है।
भारत में वर्षा ऋतु के बाद पतझड़ आता है और उसके बाद आती है शरद ऋतु। पतझड़ ऋतु में पेड़ों को बहुत कम सूरज की किरणें मिल पाती है। किरणें इतनी कम मिल पाती हैं कि सूरज की रोशनी के अभाव में पेड़ प्रकाश संश्लेेषण की प्रक्रिया नहीं कर पाते। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया न होने के कारण वह अपना भोजन (ग्लूकोज) भी नहीं बना पाते हैं और जब प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं होती तो पेड़ों की पत्तियों को क्लोरोफिल की जरूरत नहीं होती। इसलिए पत्तियों से धीरे-धीरे क्लोरोफिल गायब हो जाते हैं। और यह स्थापित तथ्य है कि क्लोरोफिल की वजह से ही पत्तियां हरी दिखती हैं, सो क्लोरोफिल के समाप्त हो जाने के कारण पत्तियां हरी नहीं रहतीं। वह पीली या भूरी हो जाती हैं। इस कारण पतझड़ के मौसम में पेड़ों के पत्तियां अपना रंग बदल ने लेती हैं।

फिर फूलों में पाई जाने वाली पंखुडिय़ां क्यों नहीं होतीं हरी

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संपन्न कराने में क्लोरोफिल नामक केमिकल की जरूरत होती है, जो पत्तियों में पाया जाता है। यही प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में भाग लेता है और इसी केमिकल के कारण पत्तियां हरी दिखती हैं। कई पौधों में, खासकर जिन पौधों के फूल हमें आकर्षित करते हैं, उनकी पंखुडिय़ां (पत्तियां) हरे रंग की न होकर लाल, पीला या गुलाबी होता है जैसे गुलाब। इसका मतलब यह नहीं कि गुलाब जैसे इन पौधों में क्लोरोफिल नहीं होता, बल्कि इसका अर्थ यह है कि इन पौधों में क्लोरोफिल केमिकल का रंग अलग होता है। इस वजह से फूलों की पंखुडिय़ां हरी न होकर लाल, पीली, गुलाबी आदि अन्य रंग की होती हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो