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Lockdown : कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन क्यों जरूरी है?

Published: Apr 29, 2020 12:50:44 am

Submitted by:

pushpesh

-कोविड-19 का टीका तैयार होने पर 12 से 18 माह लग सकते हैं, ऐसे में वायरस के ट्रंसमिशन को तोडऩा ही सबसे बेहतर उपाय (corona vaccine)

Lockdown : कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन क्यों जरूरी है?

Lockdown : कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन क्यों जरूरी है?

भारत, अमरीका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन सहित कई यूरोपीय और एशियाई देशों में संपूर्ण या आंशिक लॉकडाउन की स्थिति है। जिसके चलते स्कूल, कॉलेज, जिम, रेस्तरां, बाजार आदि से दूर रखकर लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि कोरोना के खतरे से बचाया जा सके। शोधकर्ता दिन-रात इसके प्रभावी उपचार और टीके खोज रहे हैं, लेकिन खोज के खूब अच्छे परिणाम भी रहे तो कम से कम 12 से 18 महीने लग जाएंगे। तब तक लोगों को सामाजिक एकांत में रखना और वायरस के ट्रांसमिशन को तोडऩा ही सबसे बेहतर उपाय है। ताकि संवेदनशील आबादी को इस महामारी से बचाया जा सके। जानिए लॉकडाउन कैसे महामारी को रोकने में प्रभावी कदम साबित हो सकता है।
लक्ष्य ये है: आर <1
-इम्पीरियल कॉलेज लंदन की कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम के अध्ययन से पता चलता है कि वायरस का प्रजनन रोका जा सकता है। ‘आर’ का अर्थ है प्रजनन यानी प्रत्येक मामले में औसत एक से भी कम व्यक्ति तक संक्रमण पहुंचने देना। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दो रास्ते हैं।
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1. शमन या घटाना :

जरूरी नहीं कि इससे महामारी को रोक दिया जाए, लेकिन कम जरूर किया जा सकता है। हेल्थकेयर की बढ़ती मांग को कम करना। ये संदिग्ध लोगों को परिवार से अलग कर किया जा सकता है।
2. प्रतिबंध या रोक :

इसमें संपूर्ण आबादी को सामाजिक रूप से दूर रख और शिक्षण संस्थाओं को बंद रखकर महामारी को फैलने से रोकना और संक्रमितों की संख्या को न्यूनतम करना। लॉकडाउन हमारे लिए मुश्किलभरा हो सकता है, लेकिन महामारी से ज्यादा नहीं।
वरना तीन माह में चरम पर होगी मृत्युदर
कुल मिलाकर आर <1 का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी आबादी की सामाजिक दूरी और आइसोलेशन या शिक्षण संस्थाओं को बंद रखना जरूरी है। अध्ययन कहता है कि ऐसा करने से तीन सप्ताह के भीतर बदलाव नजर आने लगेगा और हेल्थकेयर की मांग में कमी आएगी। अन्यथा तीन माह में मृत्युदर चरम पर होगी। ब्रिटेन में 10 लाख और अमरीका में 22 लाख लोग इसका शिकार हो जाएंगे।
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वुहान में कैसे कारगर हुआ लॉकडाउन?
23 जनवरी 2020 से चीन सरकार ने 1.10 करोड़ की आबादी वाले वुहान सहित पूरे हुबई प्रांत को लॉकडाउन कर दिया, जहां से प्रकोप शुरू हुआ था। लाखों लोगों के लिए यह लॉकडाउन एक अभूतपूर्व प्रयोग था। लेकिन इसने काम किया। लॉकडाउन के बाद संक्रमण धीमा पडऩे लगा, केस कम होने लगे। 19 मार्च को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने हुबई में किसी नए मामले को नहीं पाया। इटली और स्पेन में क्रमश: 9 और 15 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन करना पड़ा। इटली और स्पेन दोनों में कोविड-19 से जुड़ी मौतें ज्यादा हुईं, यहां लॉकडाउन को पहले अपनाया गया होता तो शायद स्थिति इतनी बुरी नहीं होती।
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