किम गैंट को उनके गोद लेने वाले दस्तावेजों से मालूम चला कि उनके अमरीकी मूल के माता-पिता उन्हें दक्षिण कोरिया से इंडियाना के ब्लूमिंगटन यहां लाए थे। बहुत छोटी होने और कोई खास याद न होने के कारण किम अभी तक यही सोचती रहीं कि उनके असली माता-पिता ने उन्हें त्याग दिया होगा। लेकिन सच्चाई बहुत विचित्र होती है। सबकुछ हमेशा वैसा ही नहीं होता जैसा हम सोचते या देखते हैं।
50 साल बाद आखिर ढूंढ ही निकाला अपने परिवार को
दशकों बाद 55 वर्षीय किम को लगा कि उन्हें अपने असली माता-पिता को ढूंढकर उनसे सच्चाई पूछनी चाहिए कि वे उसे क्यों छोड़ गए। शुरू में किम को लगा कि वे किसी अमरीकी सैनिक और दक्षिण कोरियाई महिला की संतान हैं। वास्तविकता जानने के लिए उन्होंने दक्षिण कोरिया की एक यात्रा की और वहां के अनाथालयों में अपने बारे में पता किया जहां वे गोद लिए जाने से पहले रहती थीं।
यहां उन्हें कुछ हैरान करने वाली बातें मालूम चलीं। दरअसल वे यहां दो अलग-अलग अनाथालयों में रहीं थीं। उसका कोई अस्पताल रेकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं था क्योंकि वे घर पर पैदा हुई थीं। एक पुलिस अधिकारी के सुझाव पर उन्होंने अपना डीएनए टैस्ट करवाया। उन्हें तब और भी हैरानी हुई कि वे विशुद्ध रूप से एक दक्षिण कोरियाई मूल की महिला हैं।
दक्षिण कोरिया की यात्रा के महीनों बीत जाने के बाद उन्हें उक्त पुलिस अधिकारी की ओर से एक ई-मेल प्राप्त हुआ जिसमें उसने बताया कि किम का डीएनए सैम्पल दो लोगों से पूरी तरह मैच करता है। ये थे लाबंग्नामो जोंग और युमन जंग। दोनों दंपत्ति ने भी 2014 में अपना डीएनए सैंपल जमा करवाया था ताकि वे अपनी बेटी मी क्यूंग को ढूंढ सकें।
दरअसल किम ही वे बच्ची थीं जिन्हें दंपत्ति पिछले 50 सालों से ढूंढ रहा था। इसके तुरंत बाद वे दोबारा दक्षिण कोरिया पहुंची। बिछड़े परिवार से पांच दशक बाद मिलकर मानो किम को सारी दुनिया मिल गई हो। उन्हें ये भी पता चला कि माता-पिता के अलावा उनकी एक बहन और दो भाई भी हैं।
दरअसल जब वे 5 साल की थीं तब वे खो गई थीं। उनकी मां सिओल में काम करती थीं और वे किम को उसके दादा के पास छोड़ गई थीं। एक दिन किम खेलते-खेलते बाहर निकल गई और फिर कभी नहीं मिली। लेकिन सच बताने की बजाय उनके दादा ने कहा कि वह मर गई है।
लेकिन परिवार ने कभी इस बात पर विश्वास नहीं किया। अब अपने परिवार के साथ किम बहुत खुश हें और अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा को अपनी बहन के साथ सीख रही हैं। साथ ही उनकी बहन दुभाषिए के रूप में किम की अंग्रेजी को कोरियन भाषा में माता-पिता को समझाती है और ऐसे ही किम भी परिवार की बातों को समझती हैं।