आखिर क्यों महिलाएं शीर्ष पदों पर नहीं पहुंच पाती हैं ? इसके पीछे कारण योग्य महिला उम्मीदवारों की कमी है या फिर उन्हें आगे बढऩे में आ रही बाधाएं हैं ? कार्मिक, जन शिकायत, कानून एवं न्याय मंत्रालय संबंधित स्थाई समिति ने संसद के दोनों सदनों में पिछले दिनों पेश की गई अनुदान की मांगों पर अपनी 106वीं रिपोर्ट में इस बारे में अध्ययन कराने के लिए कहा है।
…ताकि कम हो जेंडर गैप समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि महिलाओं के लिए एक समान अवसरों वाला कार्यस्थल बनाने की आवश्यकता है, ताकि जेंडर गैप कम हो। इसके लिए लोक उद्यम चयन बोर्ड को प्रयास करने चाहिए। इससे महिलाओं को भी शीर्ष प्रबंधकीय पदों पर जाने के समान अवसर मिल सकेंगे।
रिपोर्ट यह कहती है… रिपोर्ट के मुताबिक लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) की ओर से महिला उम्मीदवारों की सिफारिश का प्रतिशत बेहद कम है। 2016 में अनुशंसित महिला उम्मीदवारों का प्रतिशत 2.40 था, वह पांच वर्ष में बढ़कर 6.89 प्रतिशत ही हो पाया है।