scriptसबसे खुशहाल देश के लोगों को पैसों का मैनेजमेंट सिखाएगा बैंक | World's happiest people seek road to financial literacy | Patrika News

सबसे खुशहाल देश के लोगों को पैसों का मैनेजमेंट सिखाएगा बैंक

locationजयपुरPublished: Feb 17, 2020 08:58:44 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड हैं। लेकिन अब यहां के हंसमुख लोग भी अपने वित्तीय मामलों के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण लेने जा रहे हैं। फिनलैंड का केन्द्रीय बैंक नागरिकों के लिए एक वित्तीय-साक्षरता रणनीति (फाइनेंशियल-लिटरेसी स्ट्रेटजी) तैयार कर रहा है। यह चर्चा का विषय है क्योंकि इसकी कल्पना ऐसे देश में की जा रही है, जो पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में अन्य समृद्ध देशों से बहुत आगे है। यह आइडिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि क्या अधिक वित्तीय कौशल फिनलैंडवासियों को उधार ना लेने में मदद करेगा।

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क्यों पड़ी ऐसी जरूरत
दरअसल, बीते दो दशकों के दौरान गिरती ब्याज दरों और नकद भुगतान के कारण फिनलैंड में घरेलू ऋण दोगुना हो गया है। तकनीक प्रेमी कहलाने के बावजूद लोग डिजिटल भुगतान के मामले में अन्य देशों से पीछे हैं। करीब 55 लाख की आबादी वाले देश के 7 फीसदी लोग अपने ऋणों की बकाया राशि और किश्तें जमा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सरकार लोगों को वित्तीय प्रबंधन का प्रशिक्षण देने पर विचार कर रही है।
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कर्जदारों को सिखाएंगे Managment
बहुत ज्यादा कर्ज में डूबे लोगों को वित्तीय खर्चों पर नियंत्रण पाने में सरकार मदद करेगी। गारंटी फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक जूहा पंतज़ार का कहना है कि जो लोग ज्यादा कर्ज में होते हैं वे इस बात का अनुमान ही नहीं लगा पाते कि उनका पैसा कहां खर्च होता है, महीने के अंत में उनके पास कितना पैसा होगा और वे कितना ऋण अफोर्ड कर सकते हैं। प्रशिक्षण से उन्हें खर्चों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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गारंटी फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक जूहा पंतज़ार का कहना है कि 20 साल पहले दुकानों पर 80 फीसदी भुगतान कैश में ही किया जाता था। फिनलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अब वे तरीके बिल्कुल उलट गए हैं। 2018 में 80 फीसदी भगुतान कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग और भुगतान के अन्य डिजिटल तरीकों से किए गए थे। बैंक ऑफ फिनलैंड के गवर्नर ओली रेहान कहते हैं कि भुगतान के मामले में अब अधिकतर उपभोक्ता डिजिटल दुनिया में चले जाते हैं। इससे लोगों को अपने वित्त का प्रबंधन करना कठिन हो जाता है क्योंकि उनके पास खर्चों का हिसाब और नकदी का अंदाजा ही नहीं रहता।
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यहीं पर रिजर्व बैंक लोगों की मदद करना चाहता है। बैंक का पहला कदम यह होगा कि वह डेटा और सबसे अच्छे वित्तीय प्रबंधनों के तरीकों का संकलन कर उनके आधार पर वित्तीय साक्षरता के लिए राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित करेगा। साथ ही राष्ट्रीय योजना के रोल-आउट समन्वय के लिए तीसरे पक्ष के साथ काम करेगा। बैंक का प्राथमिक उद्देश्य डेटा संकलन और वर्ष के अंत तक एक रणनीति तैयार करना है। 2023 तक सरकार चाहती है कि उधारकर्ताओं के ऋण रिकॉर्ड के साथ एक क्रेडिट रजिस्ट्री भी हो जो ऋणदाताओं का आकलन कर यह बता सके कि उन्हें और ऋण देना है या नहीं। इसके अलावा अधिकारी लोगों को ऋण संबंधी खतरों और नुकसान से आगाह करने एवं अपनी आय का वित्त प्रबंधन करने के लिए भविष्य में मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम पर निर्मित नए उपकरणों की भी मदद लेंगे। इन मशीनों का उपयोग वे लोगों के वित्तीय व्यवहार का पूर्वानुमान और व्यक्तिगत नकदी-प्रवाह का अनुमान लगाने में भी करेंगे। साथ ही वे उपभोक्ताओं को उनके खर्च संबंधी आदतोंपर सलाह भी देंगे।
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