कर्मचारी के खिलाफ षड़यंत्र कर धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज कर लिया है तथा तीन जांच टीमें गठित की हैं। बैंक सूत्रों ने बताया कि बैंक की चित्तौडगढ़ शाखा के मुख्य मैनेजर कैलाश चंद कोली ने दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि बैंक की रावतभाटा शाखा के अस्थायी कर्मचारी भानू प्रकाश ने बैंक मैनेजर, कैशियर, लिपिक के कोड पता कर बैंक से ऑनलाइन 80 लाख रुपए की रकम परिचितों के खाते में स्थानान्तरित कर दी।
सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को बैंक पहुंच मामले व बैंक के रिकार्ड की जांच शुरू की। घोटाला स्पष्ट होने पर पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। तीन सदस्यीय कमेटी गठित मामले में सहकारिता विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इस आधार पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी साथ ही बैंक की राशि के बारे में जांच के तथ्य पुलिस को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
रिकार्ड खंगाला, जांच जारी बैंक अधिकारियों ने बैंक का रिकार्ड खंगाला तो शाम तक करीब 80 लाख रुपए से अधिक की राशि का गबन सामने आया। अन्य रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। घोटाले की राशि का पूरा पता नहीं चल पाया है। रिकार्ड की जांच की जा रही है।
कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध बैंक में रुपए स्थानान्तरिंत करने के लिए मल्टी चैनल कम्प्यूटर सिस्टम लगा हुआ है। इसमें कर्मचारी की क्षमता के अनुसार उसे राशि स्थानान्तरिंत करने का अधिकार होता है। ऐसे में मैनेजर, कैशियर, लिपिक समेत बैंक के सभी कर्मचारी शक के दायरे में हैं। इतनी बड़ी राशि के स्थानान्तरण में कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका के मद्देनजर जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि अस्थायी कर्मचारी ने तीन खातों में राशि डाली थी। इनमें से एक खाते में से बैंक के अधिकारियों ने राशि रिकवर कर ली।