इन्ही श्वानों के बीच निकलते है यात्री
यात्रियों को भी मजबूरी में इन्ही श्वानों के बीच से निकलना पड़ रहा है। साथ ही ये श्वान स्टेशन परिसर को गंदा भी कर रहे हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रबंधन के बाद इन आवारा श्वानों को परिसर से निकालने का कोई प्लान नहीं है।
यात्रियों को भी मजबूरी में इन्ही श्वानों के बीच से निकलना पड़ रहा है। साथ ही ये श्वान स्टेशन परिसर को गंदा भी कर रहे हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रबंधन के बाद इन आवारा श्वानों को परिसर से निकालने का कोई प्लान नहीं है।
पंखों के नीचे आराम फरमाते श्वान
उमस की वजह से स्टेशन पर यात्रियों को भले ही हवा न मिले लेकिन ये श्वान पंखे के नीचे आराम फरमाते हैं। श्वान की मौजूदगी की वजह से यात्री भी कुर्सियों पर नहीं बैठते हैं। स्टेशन पर श्वानों के बीच आयदिन होने वाली लड़ाई भी यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
उमस की वजह से स्टेशन पर यात्रियों को भले ही हवा न मिले लेकिन ये श्वान पंखे के नीचे आराम फरमाते हैं। श्वान की मौजूदगी की वजह से यात्री भी कुर्सियों पर नहीं बैठते हैं। स्टेशन पर श्वानों के बीच आयदिन होने वाली लड़ाई भी यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
आहार की उपलब्धता है बड़ा आकर्षण रेलवे स्टेशन पर दिनभर में करीब 200 यात्री ट्रेनों की आवाजाही होती है। इन टे्रनों से बड़ी तादाद में यात्री खाद्य सामग्री ट्रेक पर फेंकते हैं। आसानी से आहार उपलब्ध होने की वजह से यहां श्वानोंं की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। किसी भी जीव के पनपने के लिए आहार और आश्रय दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। वहीं रेलवे स्टेशन पर आहार और आश्रय की कोई कमी नहीं है।
मवेशी पहले से ही बनते हैं परेशानी
श्वान की समस्या से पहले से इटारसी रेलवे जंक्शन पर मवेशी परेशानी का सबब बनते हैं। जंक्शन पर खाद्य सामग्री की उपलब्धता मवेशियों को रेलवे पटरियों और प्लेटफार्म की ओर आकर्षित करती हैं। पटरियों पर इंजन के सामने मवेशी आने की घटनाएं आय दिन जंक्शन पर होती है। प्लेटफार्म के दोनों ओर काऊ केचर लगे होने के बाद भी इस तरह की समस्या पर लगाम नहीं लग पा रही है।
श्वान की समस्या से पहले से इटारसी रेलवे जंक्शन पर मवेशी परेशानी का सबब बनते हैं। जंक्शन पर खाद्य सामग्री की उपलब्धता मवेशियों को रेलवे पटरियों और प्लेटफार्म की ओर आकर्षित करती हैं। पटरियों पर इंजन के सामने मवेशी आने की घटनाएं आय दिन जंक्शन पर होती है। प्लेटफार्म के दोनों ओर काऊ केचर लगे होने के बाद भी इस तरह की समस्या पर लगाम नहीं लग पा रही है।