बेंगलूरु. भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने कहा कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बी. वाई. विजयेंद्र की नियुक्ति से पार्टी कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ है। विजयेंद्र की नियुक्ति से युवा कार्यकर्ता उत्साहित हैं।सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र के नेतृत्व में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि नई नियुक्ति से पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में यह संदेश गया है कि संगठन में उनके लिए भी आगे बढऩे के अवसर हैं। सिरोया ने कहा कि युवा को चेहरे को नेतृत्व सौंपकर पार्टी ने प्रदेश में नेतृत्व की नई पीढ़ी को तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सिरोया ने विजयेंद्र की नियुक्ति में वंशवाद के आरोपों पर कहा कि विजयेंद्र को यह जिम्मेदारी उनके पिता के कारण नहीं मिली है। विजयेंद्र ने इससे पहले संगठन में काम किया है और अपनी क्षमताओं को साबित किया है। के.आर. पेट, सिरा विधानसभा उपचुनाव में विजयेंद्र ने मजबूत संगठनकर्ता की तरह काम करके पार्टी को जीत दिलाई। सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र को इस पद तक संघर्ष के बाद पहुंचे हैं, ना कि सिर्फ परिवार की राजनीतिक विरासत की बदौलत। एक अन्य सवाल के जवाब में सिरोया ने कहा कि पार्टी का हित चाहने वाले सभी नेता और कार्यकर्ता पार्टी आलाकमान के फैसले का सम्मान करेंगे और प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में विजयेंद्र का साथ देंगे। सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र की नियुक्ति से जद-एस के साथ गठबंधन के बाद चुनावी समीकरणों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। परंपरागत समर्थक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय के साथ ही दूसरे वर्गों में भी पार्टी को पैठ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बेंगलूरु. भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने कहा कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बी. वाई. विजयेंद्र की नियुक्ति से पार्टी कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ है। विजयेंद्र की नियुक्ति से युवा कार्यकर्ता उत्साहित हैं।सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र के नेतृत्व में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि नई नियुक्ति से पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में यह संदेश गया है कि संगठन में उनके लिए भी आगे बढऩे के अवसर हैं। सिरोया ने कहा कि युवा को चेहरे को नेतृत्व सौंपकर पार्टी ने प्रदेश में नेतृत्व की नई पीढ़ी को तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सिरोया ने विजयेंद्र की नियुक्ति में वंशवाद के आरोपों पर कहा कि विजयेंद्र को यह जिम्मेदारी उनके पिता के कारण नहीं मिली है। विजयेंद्र ने इससे पहले संगठन में काम किया है और अपनी क्षमताओं को साबित किया है। के.आर. पेट, सिरा विधानसभा उपचुनाव में विजयेंद्र ने मजबूत संगठनकर्ता की तरह काम करके पार्टी को जीत दिलाई। सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र को इस पद तक संघर्ष के बाद पहुंचे हैं, ना कि सिर्फ परिवार की राजनीतिक विरासत की बदौलत। एक अन्य सवाल के जवाब में सिरोया ने कहा कि पार्टी का हित चाहने वाले सभी नेता और कार्यकर्ता पार्टी आलाकमान के फैसले का सम्मान करेंगे और प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में विजयेंद्र का साथ देंगे। सिरोया ने कहा कि विजयेंद्र की नियुक्ति से जद-एस के साथ गठबंधन के बाद चुनावी समीकरणों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। परंपरागत समर्थक माने जाने वाले लिंगायत समुदाय के साथ ही दूसरे वर्गों में भी पार्टी को पैठ बढ़ाने में मदद मिलेगी।