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ग्रेटा थनबर्ग की जलवायु परिवर्तन मुहीम को चुनौती दे रही है 19 साल की यह जर्मन यू-ट्यूबर

locationजयपुरPublished: Mar 02, 2020 07:56:53 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

जलवायु परिवर्तन पर आशंका व्यक्त करने वाले समूह अक्सर 2019 में दुनिया की सबसे युवा टाइम मैगजीन (Time Magzine Person Of The Year) पर्सन ऑफ द इयर 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग की दलीलों के आगे पस्त नजर आते हैं। लेकिन अब उनकी दलीलों का काट भी यूरोप से ही मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

ग्रेटा थनबर्ग की जलवायु परिवर्तन मुहीम को चुनौती दे रही है 19 साल की यह जर्मन यू-ट्यूबर

ग्रेटा थनबर्ग की जलवायु परिवर्तन मुहीम को चुनौती दे रही है 19 साल की यह जर्मन यू-ट्यूबर

दरअसल 19 वर्षीय जर्मन यूट्यूबर नाओमी सीबट को ग्रेटा की जलवायु परिवर्तन पर छेड़ी उनकी मुहिम मानव-विरोधी विचारधारा लगती है। ग्रेटा की ही तरह वाकपटु और यूरोप से ताल्लुक रखने वाली सीबट को लोग उन्हीं का ‘जुड़वा विरोधी’ मान रहे हैं। सीबट ने ग्रेटा के प्रसिद्ध ‘हाउ डेयर यू’ (How Dare You!) को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल कर सारी जर्मन मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

अमरीकी थिंक टैंक की नजर
अमरीका के हार्टलैंड इंस्टीट्यूट में ट्रंप प्रशासन से सहयोग प्राप्त आर्थर बी रॉबिन्सन सेंटर फॉर क्लाइमेट एंड एनवायर्नमेंटल पॉलिसी के निदेशक जेम्स टेलर का कहना है कि सीबट मुक्त बाजारों और जलवायु यथार्थवाद के लिए एक शानदार आवाज हैं। टेलर इससे पहले दिसंबर में भी मैड्रिड में आयोजित UINTED NATION’S जलवायु सम्मेलन में अपने मंच से न केवल सीबट को नामित किया बल्कि उन्हें शो का ‘स्टार’ था। टेलर ने जनवरी में सीबट को वैज्ञानिकों जलवायु परिवर्तन संबंधी REPORTS पर सवाल उठाने के अपने अभियान में सीबट को नए युवा चेहरे के रूप में भी नियुक्त किया है। गौरतलब है कि वैज्ञानिकों का लगातार यह कहना है कि मानव गतिविधियां खतरनाक ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण बन रही हैं।
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ग्रेटा बढ़ा-चढ़ाकर बोलती हैं
सीबट का कहना है कि ग्रेटा के बताए अनुसार जलवायु परिवर्तन से होने वाले तथाकथित ‘भयावह परिणाम’ संबंधी उनकी भविष्यवाणियां अतिरंजित और बढ़ा-चढ़ाकर बोली गई हैं। हार्टलैंड की वेबसाइट पर पोस्ट किए अपने एक यूट्यूब वीडियो में वह कहती हैं कि हमें घबराने की नहीं बल्कि इस बारे में सोचने की जरुरत है। सीबट की राजनीतिक सक्रियता स्कूल के दिनों से ही बढ़ गई थीं जब उन्होंने जर्मनी की उदार आव्रजन नीतियों के बारे में सवाल पूछने शुरू कर दिए थे। हाल ही में उन्होंने कहा कि ग्रेटा से प्रेरित साप्ताहिक ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ (#FRIDAY’S FOR FUTURE) में शामिल होने वाले युवाओं को देखकर उनकी जलवायु परिवर्तन की इस सक्रियता के विरोध में उतरने की प्रेरणा मिली। उनका कहना है कि वे यह नहीं कहती कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से पृथ्वी गर्म हो रही है लेकिन उनका तर्क है कि कुछ वैज्ञानिकों और कार्यकर्ताओं ने इसे हौवा बना दिया है।
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नहीं पड़ रहा इतना फर्क
सीबट कहती हैं कि वे लोगों को मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन में विश्वास न करने को नहीं कह रही हैं। लेकिन उन्हें यह बहुत हास्यास्पद लगता है कि सीओ२ का हमारी जलवायु पर इतना बुरा असर पड़ रहा है जैसा कि ग्रेटा बता रही हैं। उनका तर्क है कि इस में सौर ऊर्जा की भूमिका भी अहम है। १९७० के दशक से पृथ्वी तक पहुंचने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा घट गई है। जलवायु परिवर्तन के अलावा वे नारीवाद और आव्रजन के बारे में भी टिप्पणी करती हैं। जर्मन मीडिया ने उन्हें जर्मन संसद की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रवादी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) की समर्थक भी बताया है जिनके नेताओं ने विदेशियों को खदेडऩे की बात भी कही है। हालांकि सीबट इससे इंकार करती हैं और खुद को उदारवादी बताती हैं। लेकिन हाल ही में हुए एक एएफडी कार्यक्रम में बोलने का निमंत्रण स्वीकार कर लेती हैं। इतना ही नहीं वे म्यूनिख थिंक टैंक ईआइकेई से भी संपर्क में हैं जिसके उपाध्यक्ष एक प्रमुख एएफडी राजनीतिज्ञ ही है। सीबट अपने यूट्यूब चैनल पर आव्रजन नीतियों, जलवायु परिवर्तन और नारीवाद से लेकर अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पीडियो बनाकर अपलोड करती हैं। इन्हीं वीडियो ने टेलर को सीब्ट से संपर्क कर अपनी संस्था के लिए काम करने को प्रेरित किया। हालांकि अब भी सीबट को ग्रेटा के समकक्ष खड़ा होने के लिए बहुत लंबा सफर तय करना है। वैश्विक अपील की बात करें तो दुनिया भर में ग्रेटा के करोड़ो सोशल मीडिया फॉलोअर्स हैं। वहीं सीबट के यूट्यूब चैनल के 50 हजार सब्सक्राइबर्स हैं। हालांकि ग्रेटा ने सीबट के किसी भी टिप्पणी पर कमेंट करने से इंकार कर दिया।
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