जोन स्टार्टअप की मुहिम
उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली व कर्नाटक सरकार की तरफ से कदम उठाने के बाद अब टोरंटो, कनाडा का एक टेक एसीलरेटर जोन स्टार्टअप इस दिशा में आगे आया है। जोन स्टार्टअप इस योजना के तहत चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण शिविर में इंडस्ट्री के टॉप लीडर्स मेंटर की भूमिका निभाएंगे। महिलाओं को टेक बेस्ड इंडस्ट्री के संचालन, प्रबंधन व अन्य तकनीक के तौर-तरीके से भी रूबरू कराया जाएगा।
उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली व कर्नाटक सरकार की तरफ से कदम उठाने के बाद अब टोरंटो, कनाडा का एक टेक एसीलरेटर जोन स्टार्टअप इस दिशा में आगे आया है। जोन स्टार्टअप इस योजना के तहत चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण शिविर में इंडस्ट्री के टॉप लीडर्स मेंटर की भूमिका निभाएंगे। महिलाओं को टेक बेस्ड इंडस्ट्री के संचालन, प्रबंधन व अन्य तकनीक के तौर-तरीके से भी रूबरू कराया जाएगा।
15 कारपोरेट कंपनियां जुड़ी
जोन स्टार्टअप ने इस योजना के शुरुआती चरण में भारतीय विज्ञान व तकनीक विभाग, माइक्रोसॉफ्ट, टाटा ट्रस्ट सोशल अल्फा, चेरी ब्लेयर फाउंडेशन, आईसीआईसीआई बैंक व अमेजन को जोड़ा है। आगामी महीनों में अन्य कॉरपोरेट हाउसों के प्रबंधकों को भी सहभागी बनाने पर जोर दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस मुहिम में देश की अन्य शीर्ष कंपनियों को भी जोडऩे की योजना है। ताकि बड़े पैमाने पर महिलाओं को नवाचार से जोड़कर भारतीय स्टार्टअप को मजबूती देना संभव हो सके। साथ ही उनकी औसत सहभागिता को भी बढ़ावा मिले।
जोन स्टार्टअप ने इस योजना के शुरुआती चरण में भारतीय विज्ञान व तकनीक विभाग, माइक्रोसॉफ्ट, टाटा ट्रस्ट सोशल अल्फा, चेरी ब्लेयर फाउंडेशन, आईसीआईसीआई बैंक व अमेजन को जोड़ा है। आगामी महीनों में अन्य कॉरपोरेट हाउसों के प्रबंधकों को भी सहभागी बनाने पर जोर दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस मुहिम में देश की अन्य शीर्ष कंपनियों को भी जोडऩे की योजना है। ताकि बड़े पैमाने पर महिलाओं को नवाचार से जोड़कर भारतीय स्टार्टअप को मजबूती देना संभव हो सके। साथ ही उनकी औसत सहभागिता को भी बढ़ावा मिले।
उद्यमिता प्रशिक्षण
जोन स्टार्टअप इंडिया के निदेशक अजय रामसुब्रमण्यम का कहना है कि नवाचार के क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम है। इसके पीछे महिला फंडिंग, वित्त पोषण, रिस्क मैनेजमेंट नेटवर्किंग जैसी ढेरों समस्याएं होती हैं। एक शोध के जरिए उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जिसे आज भी महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसके लिए बेंगलूरु समेत मुंबई, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम, अहमदाबाद आदि में छह सप्ताह का एसीलेटर प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। इमसें शामिल होने के लिए महिला उद्यमियों से आवेदन भी मंगाए जा रहे हैं।
जोन स्टार्टअप इंडिया के निदेशक अजय रामसुब्रमण्यम का कहना है कि नवाचार के क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम है। इसके पीछे महिला फंडिंग, वित्त पोषण, रिस्क मैनेजमेंट नेटवर्किंग जैसी ढेरों समस्याएं होती हैं। एक शोध के जरिए उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जिसे आज भी महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसके लिए बेंगलूरु समेत मुंबई, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम, अहमदाबाद आदि में छह सप्ताह का एसीलेटर प्रोग्राम आयोजित किया जाएगा। इमसें शामिल होने के लिए महिला उद्यमियों से आवेदन भी मंगाए जा रहे हैं।
सार्थक पहल स्टार्टअप उद्यमियों का कहना है कि यह एक सार्थक पहल है। इसकी आवश्यकता पहले से ही महसूस की जा रही थी। स्टार्टअप जोन ने इसकी शुरुआत कर महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का काम किया है। इस सार्थक प्रयास में अन्य कंपनियों को भी आगे आने की जरूरत है।