नियमानुसार शहर में शराब दुकानें रात 11:30 बजे बंद हो जाती हैं, लेकिन कोई चेकिंग नहीं करता है, इसलिए कुछ दुकानें रात 12 बजे तक ही बंद होती हैं। लेकिन इन दुकानों के शटर गिरने के बाद भी बिक्री चालू रहती है। शराब ठेकेदारों ने दुकान के पीछे एक छोटी सी खिडक़ी बना रखी है, यहां से रातभर आपको शराब मिल जाएगी।
आबकारी विभाग के संभागीय और जिला कार्यालय पड़ाव से थोड़ी ही दूरी पर रातभर अवैध रूप से शराब की बिक्री होती है। यहां आबकारी विभाग का कंट्रोल रूम भी है, लेकिन कुछ ही दूरी लक्ष्मणपुरा और रानी लक्ष्मीबाई समाधि के पास रातभर शराब बिकती है, यह जानकारी विभाग को नहीं है। जबकि मुखबिरों की सूचना पर आबकारी टीम 60 से 70 किलोमीटर दूर डबरा और भितरवार के जंगलों तक अवैध शराब पकड़ लगाती है।
आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में शाम को ताले डल जाते हैं। यहां शिकायत सुनने वाला कोई नहीं मिलता है। रात को आबकारी टीम चेकिंग पर भी नहीं निकली है, जिससे दुकानदार बेफिक्र होकर शराब बेचते हैं। आबकारी टीम सिर्फ नया साल, होली, दीपावली के समय ही दुकानों और बार की चेकिंग करने निकलती है, इसके अलावा कभी चेकिंग नहीं करती है। दुकानों के अलावा हाई-वे के ढाबों और रेस्टोरेंट पर खुलेआम शराब पिलाई जा रही है, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
प्रश्न: शहर की शराब दुकानें निर्धारित समय पर बंद नहीं होती है क्या कारण है?
जवाब: ऐसी कोई शिकायत नहीं आई कि दुकानें निर्धारित समय पर बंद नहीं हो रही है। यदि शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे।
प्रश्न: आबकारी विभाग रात में चेकिंग क्यों नहीं करता है? शिकायत आती है तो कार्रवाई करते हैं। ऐसी दुकानों की चेकिंग करेंगे।