बड़ी खटटाली. भगोरिया पर्व के दौरान ग्रामवासी में पर्व का परवान चढ़ा था। चारों ओर कहीं बांसुरी तो कहीं ढोल तो कहीं मांदल की आवाज गंूजती सुनाई दी। व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें अपने घरों के बाहर लगाई थी। ग्रामीणजन सामान खरीदने के लिए पहुंचे। मांदल की थाप पर कुर्राटिया लगाते हुए थिरकते ग्रामीण पर्व की मस्ती में मदमस्त हो गए, जिन्हें देखने के लिए भगोरिया में आए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
वनवासियों ने कुल्फी आइसक्रीम ज्यूस इत्यादि का भी जमकर लुफ्त उठाया। भगोरिया पर्व के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ ढोल बजाते हुए पर्व की शुरुआत की।
मनमोहक आभूषण में नजर आए भगोरिया पर्व में शहर के आसपास से आई टोलियों ने अपने-अपने गांव में फलियों के हिसाब से अपना एक ड्रेस कोड निर्धारित कर सभी लोग एक जैसी वेशभूषा पहन कर आए। इससे पर्व की शोभा और अधिक बढ़ाते नजर आए सामान्यत: ड्रेस कोड कोई घूमने नहीं या फिर किसी संकेत के रूप में माना जाता है, परंतु भगोरिया में पहने ड्रेस कोर्ट ने आदिवासी संस्कृति की एकता को बड़े ही सहज ढंग से प्रदर्शित किया। साथ ही पर्व पर पहने जाने वाले आभूषण मनमोहक नजर आ रहे थे। आदिवासी संस्कृति में पूर्व से चली आ रही हाथ पर नाम खुदवाने की परंपरा के अनुसार युवक-युक्तियों का नाम गुदवाते देखे गए। स्थानीय मैदान पर कई छोटे बड़े झूलों पर आदिवासी युवक युक्तियों व बच्चों ने आनंद उठाया।
भगोरिया को लेकर कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक सुलोचना रावत,जोबट विधानसभा के कांग्रेस अध्यक्ष विशाल रावत, सुमेरसिंह अजनार, सांसद प्रतिनिधि रमेश मेहता, चैन सिंह डावर, वालसिंह देवड़ा, सवलसिंह, लुंगरसिंह सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नाग
मंदिर प्रांगण में नाच गान कर भगोरिया उत्सव का आनंद लिया। भाजपा की ओर से जिला पंचायत सदस्य इंदर सिंह चौहान, जनपद अध्यक्ष शकुंतला मेहताब सिंह डोडवे, सरपंच समाबाई भारतसिंह डुडवे, खट्टाली उपसरपंच मदन लढढा, पलासदा के सरपंच मुलेश बघेल, खंडाला के सरपंच सूरज सिंह सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे। दोनों दल के कार्यकर्ताओं ने ढोल मांदल की थाप पर नृत्य किया।
भगोरिया में बिखरा आधुनिकता का रंगआम्बुआ. भगोरिया मंगलवार को आम्बुआ में धूमधाम से मनाया गया। इसमें आधुनिकता का रंग दिखाई दिया। परंपरागत परिधान के स्थान पर आधुनिक परिधानों में युवक-युवतिया नजर आई। दिनभर युवक-युवतियां, छोटे-बड़े सभी रंग-बिरंगे परिधानों में सज कर झूले चकरी तथा व्यंजन, ठंडाई पान बीड़ा का लुत्फ उठाते रहे। मेले में खाने-पीने की सामग्री के साथ ही खेल खिलौने की जमकर बिक्री हुई। सुबह 11 से शाम 4 बजे तक मस्ती में झूमते टोलिया नजर आई।