ठाकुर ने ये कहा था हलफनामे में
ठाकुर ने शीर्ष अदालत में पेश किए गए हलफनामे में कहा था कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर से केवल यह कहा था कि इस मामले पर उनका स्टैंड क्या होता जब वह (मनोहर) बीसीसीआई अध्यक्ष थे जबकि मनोहर इस बात से इनकार कर चुके हैं।
एक हफ्ते में प्रशासकों के नाम सुझाए बोर्ड : कोर्ट
शीर्ष अदालत ने कहा, अगर आप झूठे साक्ष्य के आरोपों से बचना चाहते हैं, तो आपको माफी मांगनी चाहिए। आप कोर्ट की सुनवाई में बाधा डाल रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी आपको न्यायालय के फैसले से असहमत होने का अधिकार देती है, उसको लागू होने से रोकने का अधिकार आपके पास नहीं है। उन्होंने बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल से दो टूक शब्दों में कहा, ‘आपके मुवक्किल (अनुराग ठाकुर) को जेल चले जाना चाहिए।’ सुनवाई के बाद न्यायालय ने बीसीसीआई से कहा कि वह एक हफ्ते में प्रशासकों के पैनल के लिए नाम सुझाये। इस मामले में कई तारीखें आगे बढ़ चुकी हैं और न्यायालय ने अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया है।