scriptजेंटलमैंस गेम में अराजकता! | Patrika News
खेल

जेंटलमैंस गेम में अराजकता!

सचिन तेंदुलकर ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो हरभजन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती थी। तो, गावस्कर के आईसीसी पर तीखे तेवर गलत तो नहीं।

अजमेरMar 11, 2017 / 06:36 pm

balram singh

cricket

cricket

‘मैं चाहूंगा कि स्टीवन स्मिथ की तरह विराट रांची टेस्ट में डीआरएस यानी यूडीआरएस (अम्पायर डिसिशन रीव्यू सिस्टम) के लिए डे्रसिंग रूम की मदद लें, देखते हैं, आईसीसी क्या करती है। यह बात महान बल्लेबाज और आईसीसी की तकनीकी समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील गावस्कर ने कही। 
देखें, जेंटलमैन्स गेम में रीयल जेंटलमैन कहे जाने वाले गावस्कर को ऐसा कड़ा वक्तव्य क्यों देना पड़ा। दरअसल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेंगलूरु में खेल गए चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मैच से यह विवाद शुरू हुआ। 
हुआ यह कि उमेश यादव की बॉल पर एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने पर कंगारू कप्तान स्टीवन स्मिथ ने डे्रसिंग रूम की ओर देख डीआरएस लेने के संबंध में राय जाननी चाही। इस पर विराट कोहली ने तो कड़ी आपत्ति की ही, अम्पायर ने भी स्मिथ को फटकारते हुए बाहर जाने को कहा। तब लगा मानो अम्पायर, मैच रेफरी और आईसीसी की ओर से जरूर स्मिथ के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन बीसीसीआई की शिकायत पर आईसीसी ने स्टीवन स्मिथ पर कोई भी कार्रवाई करने से मना कर दिया है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी लंबे विमर्श के बाद अपनी शिकायत वापस ले ली। 
और तो और, हमेशा विवादों को हवा देने वाले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने टीम इंडिया, बीसीसीआई और आईसीसी पर दबाव बनाने और मूल मुद्दे को नेपथ्य में धकेलने की गरज से कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले पर आरोप मढ़ दिए कि उनका रवैया विराट कोहली को एलबीडब्ल्यू आउट देने के बाद उचित नहीं था। ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने उल्टा चोर कोतवाल को डांटे के अंदाज में लिखा है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी को एनर्जी ड्रिंक की बोतल से मारा, हैंड्सकोंब को गला रेतने का इशारा किया। 
इतना ही नहीं, यह भी आरोप लगाया है कि भारतीय कोच अनिल कुंबले दूसरी पारी में विराट कोहली को आउट दिए जाने के बाद उस पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए मैच के दौरान ही अधिकारियों के बॉक्स में घुस गए थे। 
ऑस्ट्रेलियाई आमतौर पर ऐसे कृत्य खुद करके दूसरी टीमों को परेशान करने के आदी रहे हैं, लेकिन अब जब न सिर्फ खेल में, बल्कि मैदान से इतर भी टीम इंडिया उनको बराबरी से जवाब देने लगी है, तब से उनकी आखों में किरकिरी-सी खटकने लगी है। आपको बता दें कि भारत शुरू से (श्रीनिवासन के बीसीसीआई प्रेसिडेंट और महेंद्रसिंह धोनी के कप्तान रहते) डीआरएस लागू करने के खिलाफ था। श्रीनिवासन के पद से हटने के बाद दबाव बना और हाल ही में भारत में हुए मैचों में इस प्रणाली को लागू किया गया।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच के दौरान विवाद होते रहे हैं, लेकिन देखा यह गया है कि एक्शन की बात आती है, तब भारतीय खिलाड़ी पर तो कार्रवाई हो जाती है, लेकिन कंगारुओं के प्रति नरम रवैया बरता जाता है। इन्हीं कोच कुंबले की कप्तानी में 2007 में जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी, तब हरभजन और सायमंड्स के बीच मंकीगेट कांड में यह भुलाकर कि सायमंड्स का कसूर कितना था, हरभजन पर कार्रवाई की तैयारी कर ली गई थी। 
सचिन तेंदुलकर ने हस्तक्षेप नहीं किया होता तो हरभजन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती थी। तो, गावस्कर के आईसीसी पर तीखे तेवर गलत तो नहीं। उनका यह कहना कि एक पक्ष को छोड़ा जाता है तो दूसरे को क्यों नहीं, उचित ही है। वैसे, अगर विराट, कुंबले और स्टीवन स्मिथ में से किसी ने कोई नियम तोड़ा है (स्मिथ का तो साबित है) तो कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो इसे आईसीसी की ओर से जेंटलमैंस गेम में अराजकता को हरी झंडी ही कहा जाएगा।

Home / Sports / जेंटलमैंस गेम में अराजकता!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो