2007 में भारतीय टीम के कप्तान की कमान संभालने वाले धोनी के कैप्टेन रहते ही भारत T-20 समेत वर्ल्ड कप का ख़िताब अपने नाम करने में कामयाब रहा था। टीम में सीनियर खिलाड़ियों के होने के बावजूद धोनी का कप्तान बनना उस समय हर किसी के लिए चौंकाने वाला फ़ैसला था। हालांकि इसकी कहानी धोनी ने नहीं बल्कि उनके ही सीनियर खिलाड़ियों ने लिखी थी। धोनी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि वह तो उस मीटिंग का हिस्सा भी नहीं थे जब उन्हें भारतीय टीम का कप्तान बनाने का विचार चल रहा था।
धोनी बताते हैं कि शायद क्रिकेट की समझ और साथी खिलाड़ियों से मेरा बर्ताव ही एक महत्वपूर्ण वजह थी, जो उन्हें इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई। सूत्रों के मुताबिक ख़बर है कि खुद भारत के पूर्व कप्तान रह चुके सचिन तेंदुलकर , राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली ने सिलेक्टर्स के सामने 26 वर्षीय धोनी का नाम रखा था। जिसके बाद 2007 में हुए T20 मुकाबले में धोनी की कप्तानी में धोनी ने भारत को टी-20 वर्ल्डकप जिताया था।
धोनी के कप्तान बनने के पीछे फ़ील्ड पर धोनी का साथी खिलाड़ियों से बर्ताव और तालमेल था। सचिन भी धोनी से प्रभावित थे। मैच में कई मौकों पर सचिन भी धोनी से सलाह-मश्वरा लेते थे।