खेल

Fifa 2018 टेल्स्ट्र गेंद होगी इस्तेमाल, जो है मेड इन पाकिस्तान

फीफा वर्ल्ड कप 2018 में पहली बार चिप लगी गेंद ‘- टेल्स्ट्र 18’ से खेला जाएगा, एडिडास ने किया है डिजाइन |

Jun 04, 2018 / 08:38 pm

Prabhanshu Ranjan

FIFA 2018

नई दिल्ली,
14 जून से 21वें फुटबॉल विश्वकप की शुरुआत रूस में 10 दिनों बाद होने वाली है। 12 स्टेडियम में 32 देशों के खिलाड़ी विश्वकप को जीतने के लिए मैदान पर उतरेंगे। रूस में होने वाला वर्ल्ड कप कई मामलों में ख़ास है। इस वर्ल्ड कप में तकनीक को ख़ासा तरजीह दी गई है, इस टूर्नामेंट में पहली बार वीडियो असिस्टेंट रैफरी का प्रयोग होगा । हर बार विश्वकप से पहले मैचों में इस्तेमाल लाई जाने वाली बॉल की चर्चाएं होने लगती हैं, इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। विश्वकप बॉल के डिजाइन में समय के साथ बदलाव होता रहा है जैसे 2010 में दक्षिण अफ्रीका में जाबुलानी तो 2014 में ब्राजील में ब्राज़ूका गेंद फुटबॉल विशेषज्ञों के बीच चर्चा में रही इसबार 1970 और 1974 विश्वकप में इस्तेमाल किए गए टेलस्टर बॉल की चर्चाएं तेज हैं। पाकिस्तान में बनी इस गेंद में 32 की जगह 6 पैनल होंगे। खास यह है कि इसमें चिप लगाई गई है। इसके जरिए गेंद को स्मार्ट फोन से कनेक्ट कर खेल से जुड़े कई अहम आंकड़े हासिल किए जा सकते हैं। यह गेंद आम लोगों और खिलाड़ियों के खरीदने के लिए भी उपलब्ध है ।


क्या असर होगा टेलेस्टर 18 से मैचों पर ?

* गेंद में छह पैनल होने से उसकी फ्लाइट स्टैबलिटी बढ़ जाएगी। माना ये भी जा रहा है कि 3डी सतह होने के कारण गेंद को कंट्रोल करना आसान होगा। * काले और सफेद रंग के कारण बॉल टीवी पर साफ-साफ दिखेगा और दर्शकों की आंखों को राहत देगा।
* हवा में काफी देर तक लहराएगी, जिससे इसके गति को परखना आसान नहीं होगा।
-स्विटरजरलैंड के वैज्ञानिकों ने कई प्रयोगों के बाद इस गेंद को खेलने के लिए योग्य माना। इसके आकार को जांचने के लिए प्रयोगशाला में 2,000 से ज्यादा बार बॉल को स्टील की दीवार पर 50 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से मारा गया लेकिन इसका आकार नहीं बदला।

क्यों है अलग यह फुटबॉल
पाकिस्तान के सियालकोट शहर में बनी टेलस्टर-18 गेंद को 12 देशों के 600 से ज्यादा खिलाड़ियों ने टेस्ट किया है । जिसमें क्रिस्टियानो रोनाल्डो, जिनेडिन जिडान और लियोनल मेसी समेत अन्य खिलाड़ी भी शामिल हैं। इस बॉल का इस्तेमाल 2017 फीफा क्लब विश्वकप में अल-जजीरा और रियाल मैड्रिड के बीच हुए सेमीफाइनल मैच में किया गया था। फीफा ने अंडर -20 विश्वकप समेत कई जूनियर टूर्नामेंट में भी पहले इसका टेस्ट ले लिया । स्विटरजरलैंड के वैज्ञानिकों ने कई प्रयोगों के बाद इस गेंद को खेलने के लिए योग्य माना। इसके आकार को जांचने के लिए प्रयोगशाला में 2,000 से ज्यादा बार बॉल को स्टील की दीवार पर 50 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से मारा गया लेकिन इसका आकार नहीं बदला।

Home / Sports / Fifa 2018 टेल्स्ट्र गेंद होगी इस्तेमाल, जो है मेड इन पाकिस्तान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.