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बाला देवी ने तीसरी बार जीता ये अवॉर्ड
यह तीसरी बार है जब इस करिश्माई फॉरवर्ड ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है। इससे पहले 2014 और 2015 में लगातार दो साल बाला ने यह पुरस्कार जीता था। वर्तमान में स्कॉटलैंड में रेंजर्स विमेंस एफसी के लिए खेलते हुए, बाला ने पिछले साल फरवरी में टीम के लिए पदार्पण किया था और उसने इतिहास रच दिया। उन्होंने टीम के लिए अपना पहला प्रतिस्पर्धी गोल किया था। वह यूरोप में एक पेशेवर अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर बनी हुई हैं।
‘यह पुरस्कार मुझे अधिक मेहनत के लिए प्रेरित करेगा’
19 वर्षीय मनीषा, जो एक फॉरवर्ड भी हैं, उनकों पहली बार महिला इमर्जिंग फुटबॉलर ऑफ द ईयर चुना गया और उन्होंने सम्मान के लिए नामित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। मनीषा ने कहा, ‘मुझे वर्ष के उभरते खिलाड़ी के लिए चुनने के लिए एआईएफएफ धन्यवाद। यह पुरस्कार मुझे अपनी टीम के लिए और अधिक मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।’
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तेजस नागवेनकर को मिला सर्वश्रेष्ठ रेफरी का अवॉर्ड
इस बीच, सर्वश्रेष्ठ रेफरी 2020-21 के लिए एआईएफएफ पुरस्कार तेजस नागवेनकर को मिला, जबकि सुमंत दत्ता को सर्वश्रेष्ठ सहायक रेफरी 2020-21 के लिए एआईएफएफ पुरस्कार के लिए चुना गया। प्रफुल्ल पटेल, अध्यक्ष एआईएफएफ ने अपने संदेश में कहा, ‘मैं सीजन के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं। वे सभी के लिए प्रेरणा हैं और हम सभी को इस पर गर्व है।’