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16 वर्षीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने रचा इतिहास, चेसेबल मास्टर्स के फाइनल में पहुँचने वाले पहले भारतीय

locationनई दिल्लीPublished: May 25, 2022 05:03:33 pm

Submitted by:

Mohit Kumar

युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद मेल्टवाटर चैंपियंस शतरंज टूर चेसेबल मास्टर्स टूर्नामेंट (Meltwater Champions Chess Tour Chessable Masters tournament) के फाइनल में सबसे कम उम्र में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने बुधवार को हुए मुकाबले में डच जीएम अनीश गिरी को 3.5-2.5 से मात दी थी।

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R Praggnanandhaa

Meltwater Champions Chess Tour Chessable Masters: भारत के युवा ग्रैंड मास्टर आर प्रज्ञानानंद (R Praggnanandhaa) ने इतिहास रच दिया है। बता दें कि वह युवा ग्रैंडमास्टर मेल्टवाटर चैंपियंस शतरंज टूर चेसेबल मास्टर्स टूर्नामेंट (Meltwater Champions Chess Tour Chessable Masters tournament) के फाइनल में सबसे कम उम्र में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने बुधवार को हुए मुकाबले में डच के जीएम अनीश गिरी (Gm anish giri) को 3.5-2.5 से मात दी थी। इससे पहले वह इसी टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन को मात दे चुके थे। अब सेमीफाइनल में अनीश गिरी को हराकर टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बना ली है।
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फाइनल में चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) से होगा मैच –

भारतीय शतरंज स्टार आर प्रज्ञानानंद (R Praggnanandhaa) ने अपने से बड़े और अनुभवी अनीश गिरी को हरा दिया। चार गेम के रैपिड ऑनलाइन सेमीफाइनल मैच के 2-2 से मैच समाप्त होने के बाद टाईब्रेक में डचमैन अनीश गिरी को प्रज्ञानानंद ने पछाड़ दिया। अब टूर्नामेंट के फाइनल में प्रज्ञानानंद चीन के दुनिया के दूसरे नंबर चैस खिलाड़ी डिंग लिरेन (Ding Liren) से भिड़ेंगे, जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन को 2.5-1.5 से हरा दिया था।
प्रागननंदा के बारे में 5 दिलचस्प बातें –

1) तमिलनाडु के रहने वाले प्रागननंदा ने साल 2013 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी।
2) इसके 2 साल बाद ही प्रागननंदा ने अंडर-10 खिताब जीत इतिहास रचा था।
3) 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे
4) पांचवें सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर प्रागननंदा, इससे पहले अभिमन्यु मिश्रा, सर्गेई कारजाकिन, गुकेश डी और जवोखिर सिंदारोव ही ग्रैंड मास्टर थे।
5) आर प्रागननंदा ने इसी साल फरवरी में हुई मे एयरथिंग्स मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में कार्लसन को हराया था। इसके बाद वह चर्चा में आए थे। बता दें कि वह पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बने थे। गौरतलब है कि उनसे पहले पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और जीएम हरिकृष्णा ऐसा कारनामा कर चुके हैं।

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