भारतीय टीम अगर इस टूर्नामेंट से हटती है तो यह पूर्व नंबर-1 किदांबी श्रीकांत और सायना नेहवाल के लिए बड़ा झटका साबित होगा। इससे पहले साई ने बयान जारी कर बताया था कि भारतीय टीम इस टूर्नामेंट से हट गई है। साई ने बयान में कहा था कि भारतीय बैडमिंटन टीम मलेशिया सरकार द्वारा अस्थायी रूप से यात्रा प्रतिबंधों के कारण 25 से 30 मई तक होने वाले मलेशिया ओपन से हट गई है। हालांकि बाई ने साई के इस बयान से इतर बात कही है। बैडमिंटन संघ का कहना है कि उनकी मलेशिया बैडमिंटन संघ तथा विश्व बैडमिंटन महासंघ के साथ बात चल रही है।
बाई ने बताया कि उसने मलेशिया और सिंगापुर को लिखित पत्र में कहा है कि भारतीय खिलाड़ियों को विशेष मामले के तहत इसमें शामिल होने की इजाजत देनी चाहिए। बाई के महासचिव अजय कुमार सिंघानिया ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को मलेशिया और सिंगापुर में शामिल होने की इजाजत नहीं है यह सभी को पता है। इसलिए हमने दोनों सदस्य देशों को पत्र लिखा है और ओलंपिक क्वालीफिकेशन को देखते हुए विशेष मामले के तहत इसमें शामिल होने देने की मांग की है।”
साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला विश्व बैडमिंटन महासंघ के समक्ष भी रखा गया है और हम मेलिशया की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। जब तक वह मना नहीं कर रहे हैं तब तक हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे हमारे खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में शामिल हों। साई ने बाद में एक संशोधित बयान भेजा जिसमें उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय और मलेशिया सरकार के बीच चर्चा जारी है। साई ने दूसरे बयान में कहा कि खेल मंत्रालय विदेश मंत्रालय के द्वारा मलेशिया सरकार से अपील कर रहा है कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को मलेशिया ओपन में शामिल होने के लिए वहां आने की इजाजत दी जाए।