भारतीय महिलाओं ने इस जीत के साथ ही जून-जुलाई में होने वाले हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में भी जगह पक्की कर ली है। यह एफआईएच विश्वकप 2018 के लिए क्वालिफायर मुकाबला भी होगा। कनाडा में चल रहे इस टूर्नामेंट के एक अन्य सेमीफाइनल मुकाबले में चिली ने ऊरूग्वे को 2-1 से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया था।
भारत ने इस टूर्नामेंट में शुरूआत से कमाल का खेल दिखाया और सेमीफाइनल मुकाबले में भी शुरूआत से ही बेलारूस पर भारी पड़ीं। हालांकि बेलारूस ने मैच के चौथे और नौवें मिनट में ही पेनल्टी हासिल कर ली थी लेकिन भारत की रक्षात्मक पंक्ति काफी मजबूत थी जिसने विपक्षी टीम को बढ़त नहीं लेने दी।
इसके बाद गुरजीत कौर ने 13वें मिनट में भारत को पहली पेनल्टी दिलाई और इसे गोल में बदल 1-0 की बढ़त दिला दी। कप्तानी रानी ने फिर 20वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर हाफ टाइम तक भारत को 2-0 से आगे कर दिया। दोनों टीमों ने तीसरे क्वार्टर में पेनल्टी हासिल करने के प्रयास किये जिसमें भारत को 33वें मिनट में सफलता मिल गई।
वहीं बेलारूस को 40वें मिनट में पेनल्टी मिली जिसपर यूलिया मिखाइचिक ने जबरदस्त फ्लिक किया। हालांकि स्टार गोलकीपर सविता ने इसका बखूबी बचाव करते हुए फिर से विपक्षी टीम को गोल से वंचित कर दिया। रानी ने इसके बाद अकेले प्रयास से 40वें मिनट में भारत के लिए तीसरा गोल दागा और स्कोर 3-0 कर दिया।
बेलारूस को 42वें मिनट में फिर से पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन सविता ने एक बार फिर इसे रोक दिया। अंतिम क्वार्टर में बेलारूस ने काफी आक्रामकता दिखाई और 49वें मिनट में उन्हें एक और पेनल्टी कार्नर मिल गया। सविता ने एक बार फिर भारत के लिए अपनी प्रतिभा को जौहर दिखाया और विपक्षी टीम की कोशिश को नाकाम किया।
मैच के 58वें मिनट में गुरजीत ने गोल कर भारत को 4-0 से जीत दिला दी। कप्तान रानी ने राउंड टू के फाइनल में पहुंचने पर खुशी जताते हुये कहा, ‘ हम जीत से बहुत खुश हैं। हमने एक टीम की तरह मजबूती से खेल दिखाया और कमाल का डिफेंस किया। मुझे खुशी है कि हमने कोई भी पेनल्टी कार्नर का मौका गंवाया नहीं। हमारा लक्ष्य फाइनल में पहुंचने का था जो हमने किया और अब हम चिली के खिलाफ इसी प्रदर्शन को दोहराने को तैयार हैं। ‘