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खुद बास्केटबॉल नहीं खेल पाए, आज 1500 से ज़्यादा टीमों के खिलाडिय़ों को बताते स्ट्रेटजी

locationजयपुरPublished: Aug 10, 2019 08:49:34 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

खुद बास्केटबॉल नहीं खेल पाए, आज 1500 से ज़्यादा टीमों के खिलाडिय़ों को बताते स्ट्रेटजी-क्रॉसओवर स्पोट्र्स कंटेंट का ऑनलाइन डेटाबेस हैं जो एथलीट को अपने खेल में सुधार करने में मदद करता है।

क्रॉसओवर स्पोट्र्स कंटेंट का ऑनलाइन डेटाबेस हैं जो एथलीट को अपने खेल में सुधार करने में मदद करता है।

खुद बास्केटबॉल नहीं खेल पाए, आज 1500 से ज़्यादा टीमों के खिलाडिय़ों को बताते स्ट्रेटजी

भारतीय मूल के 33 वर्षीय अमरीकी उद्यमी वासु कुलकर्णी को चार साल की उम्र से ही बास्केटबॉल खेलने का शौक था। कैलिफोर्निया निवासी वासु ने जब पहली बार एनबीए टूर्नामेंट देखा तो वे इसके दीवाने हो गए। लेकिन कुछ सालों बाद उनके माता-पिता बैंगलुरू आ गए। उन्होंने अपने स्कूल में ही बास्केटबॉल खेलना शुरू किया। लेकिन अमरीका के इतर यहां न तो बास्केटबॉल के लिए कोई सुविधा थी न ही खेल के स्तर के बास्केटबॉल कोर्ट बने हुए थे।
90 के दशक का यह वह दौर था जब भारत में हर कोई क्रिकेट का दीवाना था। इसलिए बास्केटबॉल खेलने वाले किसी लड़के के साथ कोई रहना पसंद नहीं करता था। लेकिन उन्होंने बास्केटबॉल के प्रति अपनी दीवानगी को बनाए रखा। हाईस्कूल पास करने के बाद वह फिलाडेल्फियाा स्थित पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में पढऩे गए जहां उन्होंने बास्केटबॉल टीम में जगह बनाने की भी कोशिश की। 5 फीट 10 इंच लंबे और तब 61 किलो वजनी वासु को जल्द ही एहसास हो गया कि एक खिलाड़ी के तौर पर वह इस खेल के लिए नहीं बने हैं। लेकिन जैसे-तैसे वह जूनियर टीम में जगह बनाने में कामयाब हो गए।

कोच की एक सलाह ने बनाया एंटरप्रिन्योर
एक मैच के दौरान कोच ने उन्हें बास्केटबॉल के आंकड़ों का विश्लेषण करने की सलाह दी। एकत्र आंकड़ों को देखने के बाद वासु ने पाया कि तकनीक की मदद से आंकड़ों से प्राप्त जानकारी का उपयोग कर खिलाडिय़ों का प्रदर्शन सुधारा जा सकता है। उन्होंने भारतीय प्रोग्राम डवलपर्स के बनाए प्रोटोटाइप और दोस्त से उधार लिए 36 लाख रुपए की मदद से 2008 में क्रॉसओवर इंटेलिजेंस नामक कंपनी शुरू की। न्यूयॉर्क स्थित उनकी कंपनी ने ऑनलाइन वीडियो सर्च इंडस्ट्री पर फोकस किया। कंपनी बास्केटबॉल और लेक्रोसी दोनों प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है।

बाद में उन्होंने फुटबॉल, सॉकर, वॉलीबॉल और टेनिस को भी शामिल कर लिया। कंपनी 1000 से 1500 टीमों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। नए उद्यमियों को कुलकर्णी की सलाह है कि कोई भी कदम उठाने से चूकिए मत क्योंकि जो कदम उठाने से चूक गए उससे जुड़े अवसर भी वहीं खत्म हो गए। आज वे नई यॉर्क में दो हज़ार से ज़्यादा कोचेज़ को ट्रेनिंग देते हैं। इतना ही नहीं उनकी कम्पनी वर्त्तमान में 20 प्रोग्राम डेवेलपर्स और करीब 800 से ज़्यादा युवाओं को पार्ट टाइम जॉब दे रही है।
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