ड्रॉ के बाद कैसे बाहर हुईं रीतिका हूड्डा
दरअसल रेसलिंग में हार जीत तय करने के कई नियम हैं। पहला जब आप विरोधी पहलवान के दोनों कंधे मैच पर पिन कर देते हैं। इसके बाद टेक्निकल सुपिरियटी, जिसमें आप अपने विरोधी पहलवान के खिलाफ 10 अंक की बढ़त बना लेतें हैं। तीसरा अंतिम समय तक जिस पहलवान के ज्यादा अंक होते हैं, वह जीत जाता है। हालांकि अगर दोनों पहलवान के बराबर अंक हैं तो इसके लिए भी नियम बनाया गया है। रेसलिंग में अगर मैच बराबरी पर समाप्त होता है तो जिस पहलवान ने मुकाबले का आखिरी अंक हासिल किया होता है, उसे जीता हुआ घोषित किया जाता है। रीतिका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि क्वार्टरफाइनल मुकाबले में खुद से रीतिका कोई भी अंक हासिल नहीं कर पाईं। पहला अंक उन्हें विरोधी पहलवान के पैसिविटी के खिलाफ मिला। उसके बाद दूसरा अंक कजाक पहलवान ने हासिल किया और इसलिए उन्हें जीता हुआ घोषित किया गया और रीतिका हूड्डा को हार कर खाली हाथ लौटना पड़ा।