पहला गेम पहले गेम का पहला अंक मारिन ने लिया, इसके बाद सिंधु ने दो अंक जुटाते हुए बढ़त बना ली। मारिन ने एक बार फिर सधा हुआ शॉट खेला और 4-3 से बढ़त बना ली। सिंधु ने लंबी रैली में भी गलतियां कीं, मारिन पहले 10 मिनट में सिंधु पर हावी नजर आईं।
एक समय स्कोर- 11-14 था इसके बाद मारिन ने बॉडी स्मैश के साथ बढ़त को 15-11 किया। सिंधु को 3 अंक और मिले, जबकि मारिन को एक अंक मिला। इसके बाद सिंधु ने लगातर दो अंक लेकर बढ़त बना ली और पहला गेम जीत लिया।
दूसरा गेम दूसरे सेट में मारिन ने सिंधु को कोई मौक नहीं दिया और आसानी से 1-1 से बराबरी कर ली। दुसरे सेट की शुरुआत से ही मारिन ने बढ़त बना ली। सिंधु ने कुछ हिम्मत दिखाने की कोशिश की पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मारिन ने दूसरा गेम 21- 12 से हरा दिया है।
तीसरा गेम तीसरे गेम में दोनों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली। गेम की शुरुआत में मारिन ने 6-1 की बढ़त बना ली थी। उस समय ऐसा लग रहा था भारत के हाथ से गोल्ड आसानी से निकल रहा है पर सिंधु ने वापसी करते हुए स्कोर को 10-10 पर ले आईं। उसके बाद से ही एक बार फिर मारिन ने 13-10 की बढ़त बना ली। इस गेम में मारिन ज्यादा आक्रामक हो कर खेल रही थी।
फिर उसके बाद एक अंक सिंधु ने ले कर मारिन की बढ़त को कुछ कम करने की कोशिश की पर तभी मारिन ने 3 अंक लेकर फिर बढ़त बना ली। भारत की सिंधु ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी औऱ स्कोर को 16-13 पर पहुंचा दिया। आखिरकार मारिन ने अपने अनुभव औऱ शानदार खेल से सिंधु को तीसरे गेम में 21-15से हरा कर उनका गोल्ड जीतने का सपना तोड़ दिया।
सिंधु यहां खा गईं मात –मारिन ने काफी आक्रामक खेल दिखाया। –मारिन ने शुरु से ही बढ़त बनाना शुरु कर दिया था। जिसका तोड़ सिंधु नहीं निकाल पाईं। –मारिन ने बेसलाइन और मिड कोर्ट पर शानदार खेल दिखाया।
इन सबके बावजूद सिंधु ने भारत की तरफ से रजत पदक जीतकर एक इतिहास बनाया है। वे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के बाद ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय बन गई हैं। रियो ओलंपिक में उनसे पहले भारत के लिए साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीत कर देश का नाम किया था। भारत की तरफ से इस बार ओलंपिक में खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल गया था पर पदकों के मामलों में हाथ खाली ही रहा।