साक्षी ने पिछले साल रियो में अगस्त में हुए ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाया था और उसके ठीक एक साल बाद अब वह विश्व चैंपियनशिप में उतरेंगीं लेकिन इस बार उनका नया भार वर्ग होगा। साक्षी ने ओलम्पिक पदक जीतने के बाद सीधे प्रो रेसलिंग लीग में हिस्सा लिया लेकिन इस लीग में उन्होंने सिर्फ भारतीय पहलवानों से ही मुकाबले लड़े।
दिल्ली सुल्तान टीम की तरफ से खेलने वाली साक्षी को लीग के एक मैच में ओलम्पिक कांस्य विजेता ट््यूनीशिया की मारवा अमरी से खेलना था लेकिन वह बीमार होने के कारण इस मैच में नहीं उतर पायीं। हरियाणा की साक्षी इसके बाद इस साल मई में दिल्ली में हुई एशियाई चैंपियनशिप में नए वजन वर्ग 60 किलोग्राम में उतरीं।
साक्षी ने रियो का पदक 58 किलोग्राम में जीता था। देश को साक्षी से पूरी उम्मीद थी कि वह 60 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल करेंगी लेकिन रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली जापान की रिसाको कवाई ने मात्र दो मिनट 44 सेकंड में ही भारतीय पहलवान को धूल चटा दी।
रिसाको ने 10-0 के अंतर से मुकाबला समाप्त कर दिया। जापानी पहलवान के लगातार 10 वां अंक हासिल करते ही मुकाबला रोक दिया गया और उन्हें तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया। रिसाको ने रियो में 63 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण जीता था।