कोंस्टेनटाइन ने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के आग्रह पर गोवा में सम्पन्न प्रशिक्षण शिविर में अंडर-17 भारतीय टीम को कड़ा प्रशिक्षण दिया और जूनियर खिलाड़ियों को खेल की बारीकियां सिखाई। कोंस्टेनटाइन के अलावा एआईएफएफ के तकनीकी निदेशक सैवियो मेदिरा भी शिविर में मौजूद रहे। अंडर -17 टीम के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए कोंस्टेनटाइन ने कहा कि यह बेहद सकारात्मक रहा। खिलाड़ियों में बेहतरीन तालमेल था और सबसे अहम था कि जूनियर खिलाड़ियों ने अभ्यास सत्र का जमकर लुत्फ उठाया।
सपोर्ट स्टाफ भी बेहद सकारात्मक था। शिविर में किस बात पर अधिक जोर दिया गया ,यह पूछे जाने पर राष्ट्रीय कोच ने कहा कि शिविर में खिलाड़ियों को अपनी गलतियों को दिल पर न लेने के बजाय उनसे सबक लेते हुए सुधार करने को कहा गया।
प्रशिक्षण सत्र में तैयारियों पर गंभीर चर्चा हुई तथा खिलाड़ियों को खेल के प्रति पूरी प्रतिबद्धता अपनाने को कहा गया। जीत और हार दोनों परिस्थितियों में समान रूप से रहने को कहा गया। इसके अलावा मानसिक तथा शारीरिक मजबूती पर जोर दिया गया।
राष्ट्रीय टीम के कोच ने कहा कि मैंने खिलाड़ियों से दबावमुक्त रहकर अपना नैसर्गिक खेल खेलने को कहा और उन्हें खेल का लुत्फ उठाने की सलाह भी दी। ऐसा करने से विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ता है जबकि दबाव में खेलने से आप गलतियां करते जाते हैं और अंत में यह हार का कारण बनता है।