टीम इंडिया से बाहर होने के बाद कैफ ने राजनीति जॉइन कर ली थी। राजनीतिक करियर में वे कांग्रेस के साथ जुड़ गए। कैफ ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए चुनाव भी लड़ा। लेकिन फूलपुर सीट पर लड़े चुनाव में वे बीजेपी से हार गए। कैफ को बीजेपी के दिग्गज नेता केशव प्रसाद मौर्य ने हराया था। जो आज उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री हैं। हालांकि कैफ ने इसे ज़्यादा सीरियज़ली नहीं लिया। जिसके बाद इनके दिमाग में राजनीति को लेकर कुछ खटपट हुई जिससे उन्होंने राजनीति छोड़ दी और वापस क्रिकेट खेलने लगे।
रणजी ट्रॉफी के लिए कैफ छत्तीसगढ़ की अगुवाई करते हैं, वे इस टीम के कैप्टन हैं। कैफ के क्रिकेट करियर को क्रिकेट के दादा कहे जाने वाले सौरव गांगुली ने ही संवारा, जिनके नेतृत्व में कैफ ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार लाया और टीम को कई महत्वपूर्ण मैच जिताए। उन्हें उनकी फील्डिंग के साथ-साथ उनकी शानदार बैटिंग के लिए भी जाना जाता है। पिच पर बल्ला पटक-पटक कर वे गेंदों का इंतज़ार करते थे। हालांकि उन्होंने अपने करियर पर में कुछ गिने-चुने ही सिक्स लगाए। लेकिन चौकों की तो उन्होंने बौछार लगा रखी थी।