गौरतलब है कि सोमवार को विजय हज़ारे ट्रॉफी में कर्नाटक के साथ मुकाबले के दौरान कैफ अंपायर के एक फैसले से गुस्सा हो गए। जब उनकी बात नहीं मानी गई तो उन्होंने अपनी पूरी टीम के साथ ही मैदान छोड़ दिया।
बता दें कि 36 साल के मोहम्मद कैफ ने भारत के लिए 125 वनडे मैच तथा 13 टेस्ट मैच खेले हैं। एक समय वे भारतीय टीम की बल्लेबाजी की जान माने जाते थे। उन्होंने कई यादगार प्रदर्शन भी किए हैं।
मोहम्मद कैफ को गुस्सा उस समय आया जब फील्ड अंपायर वीरेंदर शर्मा और लेग अंपायर उमेश दुबे ने अपने फैसले को थर्ड अंपायर के पास न ले जाने का फैसला किया। बस उनके इसी फैसले को लेकर कैफ इतना गुस्सा हुए कि वो मैच के बीच में ही टीम के साथ वापस ड्रेसिंग रूम में लौट गए।
जिसके बाद मैच रेफरी नितिन गोयल ने मोहम्मद कैफ और उनकी टीम को समझा कर वापस खेलने आने के लिए मनाया। जिससे वे मान गए पर कैफ को इस बर्ताव के लिए वार्निंग देते हुए उनकी मैच फीस काट ली गई।
ये है पूरा मामला छत्तीसगढ़ ने पहले खेलते हुए 200 रनों का लक्ष्य दिया। 200 रनों के जवाब में कर्नाटक की पारी के तीसरे ओवर में गेंद बल्लेबाज़ मयंक अग्रवाल के बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए विकेटकीपर के हाथों में चली गई। विकेटकीपर समेत गेंदबाज़ और पहले स्लिप पर खड़े कैफ ने भी अपील की जिसके बाद फील्ड अंपायर वीरेंदर शर्मा ने लेग अंपायर के साथ डिसक्शन किया लेकिन थर्ड अंपायर के पास नहीं गए और इससे ही गुस्सा होकर कैफ ने टीम के साथ मैदान छोड़ दिया।
इस पूरे मामले के बाद जब मैच फिर शुरू हुआ तो मयंक अग्रवाल के 66 रनों की मदद से कर्नाटक ने आसानी से मैच जीत लिया। कर्नाटक की टीम पहले ही क्वार्टर-फाइनल में जगह पक्की कर चुके हैं।