विजय माल्या ने यूनाईटेड स्पि्रट्स के चेयरमैन पद छोड़ने से पहले फरवरी में कैरेबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) टीम खरीदी थी, इसके बाद उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर से भी नियंत्रण गंवा दिया था।
हालांकि उनका बेटा सिद्धार्थ अब भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में है। लेकिन ये पद छोड़ने से पहले भविष्य के निवेश के तौर पर माल्या कैरेबियन प्रीमियर लीग में टीम खरीद चुके थे।
माल्या के दावों को मानें तो उन्होंने अन्य शेयरधारकों के साथ मिलकर बारबाडोस ट्राइडेंट्स 100 डालर में खरीदी। माल्या ने बताया कि, हर किसी ने मेरे सीपीएल टीम बारबाडोस ट्राइडेंट्स खरीदने के बारे में बखेड़ा खड़ा कर दिया। लेकिन ये एक अधिग्रहण था जोकि कैश के द्वारा नहीं किया गया। ये अधिग्रहण सिर्फ 100 डॉलर में किया गया। इस बारे में माल्या ने हालांकि कहा कि फ्रेंचाइजी को चलाने का खर्चा करीब 20 लाख डॉलर होगा।
विजय माल्या के मुताबिक, सीपीएल में भागीदारी के लिए मैं बारबाडोस सरकार से मदद मांगी। मैं प्रधानमंत्री से मिला और सरकार ने मुझे मदद की सहमति दी, लेकिन मैंने टीम खरीदने के लिए सिर्फ 100 डालर दिए थे।
आपको बता दें कि पहले खबर आई थी कि विजय माल्या ने बारबाडोस ट्राइडेंट्स को खरीदने के लिए 14 करोड़ रुपए की फीस चुकाई थी, लेकिन लेकिन अब विजय माल्या ने महज 100 डॉलर में खरीदने का दावा किया किया है।