गौरतलब है कि गत बुधवार को कॉलेज छात्रों ने विभिन्न मांगों को लेकर कॉलेज परिसर में धरना दिया था, लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने पर छात्रों ने रात को भी कॉलेज के बाहर धरना जारी रखा। इसके बाद गुरुवार को 12 छात्रों ने अनशन शुरू कर दिया। छात्रों के आंदोलन में साथ पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं एनएसयूआई व एबीवीपी के छात्र नेता हो गए तथा कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया तथा कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों का समाधान नहीं होने पर छात्रों ने अनशन जारी रखा।
छात्र की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती कराया
शुक्रवार रात को एक छात्र की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे एम्बुलेंस से जेएलएन में भर्ती कराया, जहां उपचार के बाद शनिवार सुबह छात्र हड़मान लोमरोड़ धरना स्थल पर पहुंच गया। दोपहर करीब 12 बजे जेएलएन अस्पताल से डॉ. विकास चौधरी व डॉ. अलकेन्द्र टीम के साथ धरना स्थल पहुंचे तथा अनशनकारी छात्रों का मेडिकल चैकअप किया। लेकिन शनिवार दोपहर एक और छात्र रामकिशोर की तबीयत खराब हो गई। धरने पर बैठे छात्रों ने एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। इस पर छात्र निजी वाहन से बेहोशी की हालत में रामकिशोर को लेकर जेएलन अस्पताल पहुंचे तथा उपचार शुरू कराया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज पहुंचे तथा छात्रों को वार्ता के लिए बुलाया।
शुक्रवार रात को एक छात्र की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे एम्बुलेंस से जेएलएन में भर्ती कराया, जहां उपचार के बाद शनिवार सुबह छात्र हड़मान लोमरोड़ धरना स्थल पर पहुंच गया। दोपहर करीब 12 बजे जेएलएन अस्पताल से डॉ. विकास चौधरी व डॉ. अलकेन्द्र टीम के साथ धरना स्थल पहुंचे तथा अनशनकारी छात्रों का मेडिकल चैकअप किया। लेकिन शनिवार दोपहर एक और छात्र रामकिशोर की तबीयत खराब हो गई। धरने पर बैठे छात्रों ने एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। इस पर छात्र निजी वाहन से बेहोशी की हालत में रामकिशोर को लेकर जेएलन अस्पताल पहुंचे तथा उपचार शुरू कराया। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी कॉलेज पहुंचे तथा छात्रों को वार्ता के लिए बुलाया।
बैठकों के कई दौर चले
शाम करीब साढ़े 4 बजे एसडीएम परसाराम टाक, नागौर वृत्ताधिकारी ओमप्रकाश गौतम, कॉलेज प्राचार्य सुनीता गुप्ता, उपाचार्य रामूराम राईका, व्याख्याता डॉ. शंकरलाल जाखड़, डॉ. हरसुख छरंग, प्रेमसिंह बुगासरा, मंगलाराम कड़वासरा, तहसीलदार शंकरसिंह, कोतवाल नंदराम भादू, केन्द्रीय मंत्री के निजी सहायक जस्साराम धौलिया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गोविन्द्र कड़वा, रणजीत धौलिया, यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हनुमान बांगड़ा, जगदीश बागडिय़ा, मनीष काला, अर्जुन गेहलोत, वीरबल कमेडिय़ा सहित अन्य प्रतिनिधियों की वार्ता शुरू हुई। बैठक में घंटे-डेढ़ घंटे वार्ता चली, लेकिन छात्र प्रतिनिधि एक ही मांग पर अड़े रहे कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेंगे, वे नहीं मानेंगे। इसके बाद एक बार के लिए बैठक स्थगित हो गई।
शाम करीब साढ़े 4 बजे एसडीएम परसाराम टाक, नागौर वृत्ताधिकारी ओमप्रकाश गौतम, कॉलेज प्राचार्य सुनीता गुप्ता, उपाचार्य रामूराम राईका, व्याख्याता डॉ. शंकरलाल जाखड़, डॉ. हरसुख छरंग, प्रेमसिंह बुगासरा, मंगलाराम कड़वासरा, तहसीलदार शंकरसिंह, कोतवाल नंदराम भादू, केन्द्रीय मंत्री के निजी सहायक जस्साराम धौलिया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गोविन्द्र कड़वा, रणजीत धौलिया, यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव हनुमान बांगड़ा, जगदीश बागडिय़ा, मनीष काला, अर्जुन गेहलोत, वीरबल कमेडिय़ा सहित अन्य प्रतिनिधियों की वार्ता शुरू हुई। बैठक में घंटे-डेढ़ घंटे वार्ता चली, लेकिन छात्र प्रतिनिधि एक ही मांग पर अड़े रहे कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेंगे, वे नहीं मानेंगे। इसके बाद एक बार के लिए बैठक स्थगित हो गई।
दो घंटे इंतजार के बाद आया आदेश
शाम करीब छह बजे विधायक हबीबुर्रहमान कॉलेज पहुंचे और उनकी उपस्थिति में बैठक फिर शुरू हुई। विधायक ने कलक्टर से प्रायोगिक परीक्षा के केन्द्र को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि आदेश जारी हो गए हैं, कलक्ट्रेट से ले जाओ। कॉलेज से दो व्यक्ति आदेश लेने पहुंचे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। इस पर छात्र प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेंगे, तब तक अनशन समाप्त नहीं होगा। इसके बाद विधायक वहां से रवाना हो गए। जब कॉलेज प्रशासन एवं जिला प्रशासन को लगा कि छात्र नहीं मानेंगे तो प्राचार्य गुप्ता व एसडीएम ने विश्वविद्यालय से मिले मौखिक आदेशों के अनुसार हस्ताक्षर कर प्रायोगिक परीक्षा का केन्द्र मिर्धा कॉलेज में करने का आदेश चस्पा कर दिया। थोड़ी देर बाद विश्वविद्यालय से विज्ञान एवं भूगोल की प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षाएं मिर्धा कॉलेज में कराने का आदेश आ गया। इसके बाद अधिकारियों ने जूस पिलाकर छात्रों का अनशन तुड़वाया। अनशन समाप्त होने पर छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र दौतड़, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजेन्द्र डूकिया, सुरेश विश्नोई, तेजपाल पोटलिया, रोहित चौधरी, कैलाश ज्याणी आदि ने जिला प्रशासन व कॉलेज प्रशासन का आभार जताते हुए इसे छात्रों की जीत बताया।
शाम करीब छह बजे विधायक हबीबुर्रहमान कॉलेज पहुंचे और उनकी उपस्थिति में बैठक फिर शुरू हुई। विधायक ने कलक्टर से प्रायोगिक परीक्षा के केन्द्र को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि आदेश जारी हो गए हैं, कलक्ट्रेट से ले जाओ। कॉलेज से दो व्यक्ति आदेश लेने पहुंचे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। इस पर छात्र प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि जब तक लिखित में आदेश नहीं मिलेंगे, तब तक अनशन समाप्त नहीं होगा। इसके बाद विधायक वहां से रवाना हो गए। जब कॉलेज प्रशासन एवं जिला प्रशासन को लगा कि छात्र नहीं मानेंगे तो प्राचार्य गुप्ता व एसडीएम ने विश्वविद्यालय से मिले मौखिक आदेशों के अनुसार हस्ताक्षर कर प्रायोगिक परीक्षा का केन्द्र मिर्धा कॉलेज में करने का आदेश चस्पा कर दिया। थोड़ी देर बाद विश्वविद्यालय से विज्ञान एवं भूगोल की प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षाएं मिर्धा कॉलेज में कराने का आदेश आ गया। इसके बाद अधिकारियों ने जूस पिलाकर छात्रों का अनशन तुड़वाया। अनशन समाप्त होने पर छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र दौतड़, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राजेन्द्र डूकिया, सुरेश विश्नोई, तेजपाल पोटलिया, रोहित चौधरी, कैलाश ज्याणी आदि ने जिला प्रशासन व कॉलेज प्रशासन का आभार जताते हुए इसे छात्रों की जीत बताया।
केवियट लगने के बाद हटाएंगे धरना
बैठक के दौरान एसडीएम टाक ने कहा कि एडीजे कोर्ट आदेश आने के बाद अब कॉलेज परिसर की जमीन पर किए गए अतिक्रमण के मामले में स्टे नहीं लिया जा सकता। सम्बधित पार्टी को एक महीने का नोटिस दिया है, इसके बाद अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। इस पर बैठक में शामिल एडवोकेट निम्बाराम काला ने कहा कि स्टे लाया जा सकता है, इसके लिए प्रशासन को हाईकोर्ट में केवियट लगानी होगी। छात्र प्रतिनिधियों ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि प्रशासन हाईकोर्ट में केवियट लगाए। इसके बाद एसडीएम ने धरना स्थल पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन एवं जिला प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में अतिक्रमण वाले मामले में एडीजे कोर्ट के निर्णय की कॉपी मिलते ही केवियट ला दी जाएगी। इस पर छात्रों ने कहा कि केवियट लगाने के बाद ही धरना समाप्त करेंगे।
बैठक के दौरान एसडीएम टाक ने कहा कि एडीजे कोर्ट आदेश आने के बाद अब कॉलेज परिसर की जमीन पर किए गए अतिक्रमण के मामले में स्टे नहीं लिया जा सकता। सम्बधित पार्टी को एक महीने का नोटिस दिया है, इसके बाद अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। इस पर बैठक में शामिल एडवोकेट निम्बाराम काला ने कहा कि स्टे लाया जा सकता है, इसके लिए प्रशासन को हाईकोर्ट में केवियट लगानी होगी। छात्र प्रतिनिधियों ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि प्रशासन हाईकोर्ट में केवियट लगाए। इसके बाद एसडीएम ने धरना स्थल पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन एवं जिला प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में अतिक्रमण वाले मामले में एडीजे कोर्ट के निर्णय की कॉपी मिलते ही केवियट ला दी जाएगी। इस पर छात्रों ने कहा कि केवियट लगाने के बाद ही धरना समाप्त करेंगे।
अन्य मांगों पर मिले आश्वासन
छात्रों ने अतिक्रमण हटाने के साथ छात्रों पर लगे मुकदमे वापस लेने, मिर्धा कॉलेज में प्रोफेशनल कोर्स बीबीए व बीसीए शुरू कराने, स्नातकोत्तर में हिन्दी व संस्कृत विषय जोडऩे, कॉलेज विश्वविद्यालय का छात्र सहायता केन्द्र खोलने, एनसीसी में 3 राज बटालियन में 45 वर्ष से कम उम्र की महिला व्याख्याता लगाने तथा माडीबाई महिला कॉलेज में एनसीसी विंग शुरू कराने की मांगें भी रखीं, जिन पर प्रशासन ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए सरकार व विश्वविद्यालय को पत्र भिजवाने का आश्वासन दिया।
छात्रों ने अतिक्रमण हटाने के साथ छात्रों पर लगे मुकदमे वापस लेने, मिर्धा कॉलेज में प्रोफेशनल कोर्स बीबीए व बीसीए शुरू कराने, स्नातकोत्तर में हिन्दी व संस्कृत विषय जोडऩे, कॉलेज विश्वविद्यालय का छात्र सहायता केन्द्र खोलने, एनसीसी में 3 राज बटालियन में 45 वर्ष से कम उम्र की महिला व्याख्याता लगाने तथा माडीबाई महिला कॉलेज में एनसीसी विंग शुरू कराने की मांगें भी रखीं, जिन पर प्रशासन ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए सरकार व विश्वविद्यालय को पत्र भिजवाने का आश्वासन दिया।