प्रशासन से हुई वार्ता, धरना रहेगा जारी
इसके बाद प्रशासन की तरफ से ग्यारह सदस्य कमेटी को वार्ता के लिए बुलाया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा वार्ता में प्रशासनिक अधिकारी तथा एनएचआईए के अधिकारी भी शामिल हुए। लगभग पचास मिनट चली वार्ता से मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया। जिला कलक्टर के अनुसार एनएचआईए के अधिकारियों (प्रोजेक्ट डायरेक्टर) ने आश्वासन दिया कि 24 घंटों में इस संबंध में रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि वार्ता में यह साफ कर दिया गया कि जब तक 38 प्रतिशत तक बढ़ाए गए टोल को वापिस नहीं लिया जाता है तो टोल टैक्स शुरू नहीं करवाया जाएगा, सभी वाहन बिना टोल दिए ही टोल नाका को पार करेंगे। उसके लिए चाहे 24 घंटे लगाए जाए या 24 दिन। वहीं 20 किलोमीटर क्षेत्र को भी टोल फ्री करने सहित अन्य मांगें भी मानी जानी होगी। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से वार्ता में बात रखने के बाद के बाद वाहन हटा लिए। जब तक घेराव चला, पुलिस की तरफ से घेराव करने वाले वाहनों की वीडियोग्राफी करवाई गई। हालांकि समाचार लिखे जाने तक सडक़ रोकने के कारण किसी पर भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
वार्ता के बाद मीडिया कर्मियों के समक्ष पलटे
जिला कलक्टर के अनुसार भारत माला सडक़ परियोजना के पीडी ने वार्ता में यह आश्वासन दिया कि आगामी 24 घंटे में टोल कम करने का प्रस्ताव बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा, लेकिन जब मीडिया कर्मियों ने वार्ता के बाद पीडी से इस संबंध में सवाल किया तो वह साफ मुकर गए। पहले तो पीडी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए जब मीडिया ने वार्ता में क्या फैसला लिया इस बारे में जोर देकर पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें जिला कलक्टर की तरफ से बुलाया गया था। लोगों की टोल संबंधी समस्या थी, उसे मैंने सुना है, प्रस्ताव बनाकर भिजवाना है लेकिन 24 घंटे या 25 घंटे ऐसा कुछ समय तय नहीं हुआ है। इससे पूर्व भी उपखंड अधिकारी के साथ टोल संचालक की वार्ता में 20 किलोमीटर तक टोल मुक्त करने की मांग को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन वार्ता के अगले दिन ही टोल संचालक अपनी बात से मुकर गए।