विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नए वित्त वर्ष में शराब दुकानों के नवीनीकरण व बोली के बाद भी 409 में से 257 दुकानें उठाव रह गई थी। इसके बाद जयपुर में अधिकारियों की बैठक हुई और मैराथन बैठक के बाद सभी से गारंटी राशि में छूट के लिए प्रपोजल मांगे गए थे। जिसमें 10 से 45 प्रतिशत की छूट के प्रपोजल भेजे गए थे। इनमें से विभाग ने केवल 10 से 30 प्रतिशत की छूट सीमा निर्धारित कर दी थी। इसके बाद फिर से शेष रही दुकानों के लिए बोली लगाई गई। इसके बाद भी जिले में 95 व प्रदेश में करीब 2400 शराब दुकानें उठाव से रह गई। इतने बड़ी संख्या में शराब दुकानों का उठाव नहीं होने के कारण विभाग के अधिकारियों ने फिर से जिला आबकारी अधिकारियों को तलब कर लिया।
जयपुर में शुक्रवार को दिनभर चली बैठक में फिर से शराब दुकानों के उठाव के लिए गारंटी राशि में 30 प्रतिशत से अधिक की छूट के लिए प्रपोजल मांगे गए हैं। इसको लेकर सभी अधिकारियों की ओर से जयपुर में ये प्रपोजल दिए हैं। जिसमें कुछ दुकानों पर 30 प्रतिशत से अधिक की छूट दिए जाने की कसरत चल रही है। पहले अधिकारियों की ओर से कुछ दुकानों पर 45 प्रतिशत तक की छूट का प्रपोजल भेजा गया था लेकिन जयपुर में इस प्रपोजल को नहीं माना गया और 45 प्रतिशत की जगह 30 प्रतिशत तक की छूट कर दी गई। इस पर जिलों से अधिकारियों ने अब कुछ सौ दुकानों के उठाव के लिए गारंटी राशि में 45 प्रतिशत तक की छूट मांगी है।