जानकारन्ी के अनुसार, इन कर्मचारियों ने अपनी जमीन पर जीकेएसबी (गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक) से जुड़ी ग्राम सेवा सहकारी समितियों से ऋण उठाया। विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों से जुड़े किसानों के 50 हजार रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा की। चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो उसने दो लाख रुपए तक ऋण माफ कर दिए। लेकिन, शर्त लगा दी कि जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों के ऋण माफ नहीं होंगे। बावजूद इसके श्रीगंगानगर जिले की 323 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से 3283 कर्मचारियों ने 16 करोड़ 83 लाख रुपए के ऋण झूठे शपथ पत्र पेशकर कर्ज माफ करवा लिया।
जीकेएसबी ने सत्यापन किया तो गड़बड़झाला पकड़ में आया। कर्मचारियों के आधार कार्ड से जांच की तो पोल खुलती चली गई। मामला पकड़ में आने के बावजूद ये कर्मचारी ऋण राशि जमा नहीं करवा रहे। सवाल यह भी उठ रहा है कि समिति व्यवस्थापक व सहायक व्यवस्थापक ने ऋण माफी से पहले जांच क्यों नहीं की।
जीकेएसबी ने सत्यापन किया तो गड़बड़झाला पकड़ में आया। कर्मचारियों के आधार कार्ड से जांच की तो पोल खुलती चली गई। मामला पकड़ में आने के बावजूद ये कर्मचारी ऋण राशि जमा नहीं करवा रहे। सवाल यह भी उठ रहा है कि समिति व्यवस्थापक व सहायक व्यवस्थापक ने ऋण माफी से पहले जांच क्यों नहीं की।
सख्त कार्रवाई होगी
जिला कलक्टर व जीकेएसबी प्रशासक शिवप्रसाद मदन नकाते ने जीकेएसबी एमडी को इन कर्मचारियों के विभाग को पत्र लिखकर अल्पकालीन फसली ऋण की राशि जमा नहीं करवाने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है। अब इन कर्मचारियों का फसली ऋण अविधपार भी हो गया। अधिकांश कर्मचारियों ने बिना ब्याज की डेढ़ लाख रुपए तक राशि उठाई थी। एमडी ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को पाबंद करते हुए कर्मचारियों को नोटिस जारी कर राशि जमा करवाने के लिए पाबंद किया है। अब इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होंगी।
जिला कलक्टर व जीकेएसबी प्रशासक शिवप्रसाद मदन नकाते ने जीकेएसबी एमडी को इन कर्मचारियों के विभाग को पत्र लिखकर अल्पकालीन फसली ऋण की राशि जमा नहीं करवाने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है। अब इन कर्मचारियों का फसली ऋण अविधपार भी हो गया। अधिकांश कर्मचारियों ने बिना ब्याज की डेढ़ लाख रुपए तक राशि उठाई थी। एमडी ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को पाबंद करते हुए कर्मचारियों को नोटिस जारी कर राशि जमा करवाने के लिए पाबंद किया है। अब इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होंगी।
यह शर्त रखी थी- सरकार ने 25 अप्रेल और एक जून 2018 को आदेश जारी कर पात्रता तय की थी। इसमें कर्ज माफी के लिए सरकारी कर्मचारियों को योजना से बाहर कर दिया गया था।
कलक्टर ने दिए हैं आदेश श्रीगंगानगर जिले में 3283 कर्मचारियों ने झूठा शपथ पत्र देकर 16 करोड़ 83 लाख रुपए अल्पकालीन फसली ऋण माफ करवा लिया। जांच हुई तो आधार कार्ड से गड़बड़झाला करने वाले कर्मचारियों पहचान हुई। कलक्टर ने अब इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
भूपेंद्र सिंह ज्याणी, एमडी, जीकेएसबी, श्रीगंगानगर।
भूपेंद्र सिंह ज्याणी, एमडी, जीकेएसबी, श्रीगंगानगर।
—————
फैक्ट फाइल विधानसभा, कर्मचारी संख्या व राशि (करोड़ में)
अनूपगढ़ 413 2.07 रायसिंहनगर 611 3.39
सूरतगढ़ 448 2.42 श्रीकरणपुर 602 3.34
श्रीगंगानगर 708 3.25 सादुलशहर 501 2.36
06 3283 16 करोड़ 83 लाख (स्रोत: जीकेएसबी-श्रीगंगानगर)।
फैक्ट फाइल विधानसभा, कर्मचारी संख्या व राशि (करोड़ में)
अनूपगढ़ 413 2.07 रायसिंहनगर 611 3.39
सूरतगढ़ 448 2.42 श्रीकरणपुर 602 3.34
श्रीगंगानगर 708 3.25 सादुलशहर 501 2.36
06 3283 16 करोड़ 83 लाख (स्रोत: जीकेएसबी-श्रीगंगानगर)।