किसान नेताओं ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों का कर्ज माफ करने, फिरोजपुर फीडर का पुनर्निर्माण, केली की समस्या के समाधान के लिए केली कटर मशीन की व्यवस्था करने तथा आवारा पशुओं का उचित प्रबंध करने सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदेश भर में चक्का जाम का आयोजन किया गया है। इस दिन किसान सड़कों पर उतर कर दूध-सब्जी आदि की आपूर्ति रोकेगा। धान मंडियों में अनाज की बोली नहीं होगी। इसके लिए व्यापारिक संगठनों ने आंदोलन का समर्थन किया है। किसान संगठनों ने चक्का जाम के दिन किसानों से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की अपील की है। श्रीगंगानगर दूध विक्रेता मजदूर यूनियन ने आंदोलन का समर्थन किया है।
हालत खराब है किसान नेताओं ने बताया कि जिले में खेती नहरी पानी पर आधारित है। लेकिन नहरी तंत्र बुरी तरह बिगड़ चुका है। पर्याप्त पानी नहीं मिलने से खेती बर्बाद हो रही है और किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। गंगनहर को पानी की आपूर्ति करने वाली फिरोजपुर फीडर का पुनर्निर्माण नहीं हुआ तो गंगनहर क्षेत्र उजड़ जाएगा। वर्तमान में केली के कारण पानी में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है, जिससे मूंग और ग्वार की बिजाई का समय निकला जा रहा है। प्रेस कान्फ्रेंस में अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी, किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल, गंगनहर किसान समिति के संयोजक रणजीतसिंह राजू व प्रवक्ता संतवीरसिंह मोहनपुरा, अमरसिंह बिश्नोई, पवन बिश्नोई, रिछपाल सिंह और अन्य नेता मौजूद थे।